नयी दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हालिया बयान से सहमति जताते हुए कहा है कि कथित तौर पर ‘सरकार द्वारा प्रायोजित’ 2002 के दंगों के लिए मोदी को पाकसाफ नहीं कहा जा सकता और ऐसे नजरिए वाले व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना देश के लिए ठीक नहीं रहेगा. अनवर ने आज कहा, ‘‘मैं (राहुल के बयान से) बिल्कुल सहमत हूं. मामला उपरी अदालत के विचाराधीन है. अभी श्रीमती (जकिया) जाफरी भी उच्च न्यायालय गई हैं. उन्होंने कहा कि एसआईटी की ओर से मोदी को दी गई क्लीन चिट सही नहीं है. हम भी ऐसा ही मानते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि मोदी ने राजधर्म का पालन नहीं किया है. हाल में उस वक्त के भाजपा अध्यक्ष रहे वैंकेया नायडू ने भी कहा कि अटलजी मोदी को हटाना चाहते थे, लेकिन पार्टी में दबाव के कारण ऐसा नहीं हो सका।..मोदी को पाकसाफ नहीं कहा जा सकता.’’ पिछले दिनों राहुल ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा था कि 2002 के दंगों को लेकर मोदी को क्लीनचिट देना ‘जल्दबाजी’ है और इस हिंसा को लेकर नैतिक एवं कानूनी जवाबदेही बनती है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री अनवर ने 1984 के सिख विरोधी दंगे और गुजरात दंगे में फर्क करते हुए कहा, ‘‘लोग अक्सर 1984 और 2002 के दंगों की तुलना करते हैं. 1984 का दंगा अचानक भडका (स्पॉनटेनियस) था, जबकि 2002 का दंगा सरकार द्वारा प्रायोजित था. कांग्रेस के नेतृत्व ने 1984 के लिए माफी मांगी, लेकिन मोदी ने आज तक माफी नहीं मांगी.’’
अनवर ने मोदी की विचारधारा को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मोदीजी के दिमाग में आरएसएस का सॉफ्टवेयर डाला गया है और वह आरएसएस के रिमोट से संचालित होता है. सब जानते हैं कि आरएसएस की क्या विचारधारा है. यह देश विभिन्न धर्मों, जातियों, संस्कृति और भाषाओं वाला देश है. ऐसे में यहां अगर मोदी जैसे लोग प्रधानमंत्री बनते हैं तो यह देश के लिए ठीक नहीं होगा.’’ उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा कुछ दूसरे वरिष्ठ नेताओं की कथित नाराजगी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ‘वनमैन शो’ पार्टी बन गई है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह हमेशा कहा जाता था कि भाजपा अनुशासित पार्टी है और उसमें आंतरिक लोकतंत्र है. परंतु अब मोदीजी को जिस तरह पेश किया जा रहा है उससे लगता है कि व्यक्ति पार्टी से ज्यादा महत्वूर्ण है. यह स्थिति देश के लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है.’’ अनवर ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि लोकसभा चुनाव के बाद स्थिति बदलने पर राकांपा राजग का हिस्सा बन सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘1999 में भी ऐसी स्थिति पैदा हुई थी और उस वक्त अटलजी ने साथ आने की पेशकश की थी, लेकिन शरद पवार जी ने इसे ठुकरा दिया. आगे भी हम किसी कीमत पर राजग का हिस्सा नहीं बनेंगे। हम संप्रग के साथ रहेंगे, चाहे वह सत्ता में रहे अथवा विपक्ष में रहे.’’