कोचाधामन. विश्व पर्यावरण दिवस पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की अंगीभूत इकाई मात्स्यिकी महाविद्यालय द्वारा प्रखंड के अलता कमलपुर पंचायत अलता स्टेट स्थित सबा फिश फार्म पर एक दिवसीय पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया. मौके पर पर क्षेत्र के प्रगतिशील मत्स्य कृषकों, महाविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों की सक्रिय सहभागिता देखने को मिली. इस दौरान विशिष्ट अतिथियों को पुष्प गुच्छे दे कर सम्मानित किया गया. इस दौरान महाविद्यालय के जलीय पर्यावरण विभाग के प्राध्यापक तापस पाल ने प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एकल-प्रयोग प्लास्टिक न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी घातक सिद्ध हो रहे हैं. इससे समाज को बचने व बचाने की जरूरत है.विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित संतोष सैनी ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि मानव और पर्यावरण के मध्य सामंजस्य अत्यंत आवश्यक है. पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से ही हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य प्रदान कर सकते हैं. इसके पश्चात विज्ञान-किसान संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें अभेद पांडे (प्राध्यापक, एक्वाकल्चर), ममता (प्राध्यापिका, मात्स्यिकी जैवप्रौद्योगिकी), सर्वेंद्र कुमार (प्राध्यापक, मात्स्यिकी शारीरिक विज्ञान), डॉ. भारतेन्दु विमल (प्राध्यापक, जलीय जंतु स्वास्थ्य प्रबंधन), आशुतोष कुमार (प्राध्यापक, जलीय पर्यावरण विभाग) ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मछलीपालन तकनीकों पर उपयोगी जानकारियाँ साझा की. इस मौका पर संतोष सैनी (शिक्षिका, सेंट ग्रीगोरियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, उदयपुर), कुमार प्रभात (जिला मत्स्य पदाधिकारी), दानिश इकबाल (अध्यक्ष कार्यान्वयन समिति, कोचाधामन), तथा क्षमेश्वर मंडल (अध्यक्ष, मछुआ समिति) पैक्स अध्यक्ष तारीख अनवर, धर्मेंद्र जा मौजूद थे.
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