Holi Color: फागुन का महीना चल रहा है. फगुनहट में हल्की ठंड के साथ गर्मी ने दस्तक दे दी है. चूंकि यह ऋतुराज बसंत का समय है, सो इन दिनों टेसू के फूलों से शहर-गांव गुलजार है. बसंत का महीना (फागुन-चैत) टेसू के खिलने का समय होता है. ऊंचे खड़े टेसू के पेड़ों पर इन दिनों आपको हर जगह लालिमा ही दिखेगी. लाल या नारंगी रंग के फूलों से सजे इन पेड़ों से नजर ही नहीं हटती. जहां भी फूलों से लदे ये पेड़ दिखते हैं, मन को बरबस मोह लेते हैं, वहां से हटने का मन ही नहीं करता है. दूर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे पेड़ों पर लाल या नारंगी रंग की चांदनी तान दी गयी है. चूंकि होली में महज एक सप्ताह ही बचा है, ऐसे में टेसू के साथ थोड़ी चर्चा होली और रंगों की भी कर लेते हैं.
होली का उल्लास हर्बल रंगों के साथ
वसंत पंचमी, यानी माघ पंचमी, जिस दिन सरस्वती पूजा होती है, उसी दिन से होली का उल्लास दिखने लगता है. फागुन शुरू होते ही यह उल्लास अपने चरम पर पहुंच जाता है और मन होली के रंगों में डूब जाने का करने लगता है. परंतु, बाजार में मिलने वाले रासायनिक रंगों व अबीर-गुलाल ने आजकल इस उल्लास में कमी ला दी है. हालांकि इन दिनों हर्बल रंग व अबीर-गुलाल भी मिल रहे हैं. परंतु उनकी गुणवत्ता की गारंटी नहीं दी जा सकती है. तो फिर क्या करें, कैसे खेली जाए होली कि त्वचा को हानि भी न पहुंचे और हम रंगों में साराबोर भी हो जाएं. आइए एक बार फिर से टेसू की चर्चा कर लेते हैं, जिसके बारे में अभी हमने ऊपर बात की है. यूं तो टेसू के फूल, पत्ते, तना, जड़, बीज सभी उपयोगी माने गये हैं, परंतु अभी जानते हैं टेसू के फूलों से बनने वाले प्राकृतिक यानी हर्बल रंग और गुलाल के बारे में. पुराने समय में लोग इन्हीं फूलों से प्राकृतिक रंग व गुलाल बनाते थे और होली खेलते थे.
ऐसे तैयार करें टेसू के फूलों से रंग व गुलाल
इसके लिए आपको टेसू के सूखे फूलों की जरूरत होगी. यदि आपके आसपास टेसू के पेड़ हैं तो उसके फूलों को तोड़कर छाया में सूखा लें. आजकल आयुर्वेदिक या पंसारी की दुकान पर भी टेसू के सूखे फूल मिलते हैं, आप चाहें तो वहां से इसे ले सकते हैं. अब 100 या 150 ग्राम सूखे हुए फूल को एक से डेढ़ बाल्टी पानी में भीगोकर रात भर के लिए छोड़ दें. सुबह आप देखेंगे कि फूलों का रंग पानी में उतर आया है. अब इसे छान लें. होली खेलने के लिए प्राकृतिक रंग तैयार है.
रंग बनाने का एक और आसान तरीका है. टेसू के सूखे हुए फूलों को एक बर्तन में उबाल ले और उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें. गाढ़ा केसरिया, या हल्का लाल रंग तैयार है. याद रखिए, जितनी मात्रा में आप पानी में फूल डालेंगे, उतना ही गहरा रंग आपको मिलेगा. यदि आप रंग को हल्का करना चाहते हैं, तो उसमें थोड़ा पानी मिला लीजिए. यह रंग न ही आपकी त्वचा और न ही आंखों को कोई नुकसान पहुंचायेगा, न ही जलन करेगा. जरा ठहरिये, आपको होली के लिए गुलाल भी तो चाहिए होगा. टेसू के सूखे हुए फूल लीजिए और इसे पीसकर गुलाल तैयार कर लीजिए. अब बेफिक्र होकर रंगों में डूब जाइए.
तो इस बार रंगों को लेकर होली में आपकी ना-नुकुर बिल्कुल नहीं चलेगी. तैयार हो जाइए टेसू के रंग में रंगने के लिए.