Bhagavad Gita Updesh : भगवद गीता एक अनमोल ग्रंथ है जो जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करता है. यह ग्रंथ भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुई बातचीत के रूप में प्रस्तुत है, जिसमें धर्म, कर्म, योग और आत्मा के सिद्धांतों की गहराई से व्याख्या की गई है. गीता के उपदेश हमें जीवन के संघर्षों का सामना करने, सही मार्ग पर चलने और आंतरिक शांति पाने की प्रेरणा देते हैं. इसके संदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने हजारों साल पहले थे, यहां भगवद गीता के और प्रेरणादायक उद्धरण दिए गए हैं, जो आपके जीवन को दिशा और प्रेरणा प्रदान कर सकते हैं:-
- “अविग्नं हि परं बलं हृदयं यत्र स्थितम्”
जहा हृदय में अविरल विश्वास होता है, वहीं सच्ची शक्ति निवास करती है.
- “जो व्यक्ति अपने कर्मों में संतुलन बनाए रखता है, वही सच्चे अर्थों में योगी है”
- “मायां हि हययात्तेषां न हि प्राप्तं न हि खोदितम्”
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित करता है, वही सच्चे अर्थों में सफल होता है.
- “नकर्मणा न सदृशं न हि कर्म फलस्य हि”
कर्म के बिना कोई भी सफलता प्राप्त नहीं होती है.
- “दुष्टात्मा ह्यवधारयति साधुं न हि सदा”
दुष्ट व्यक्ति हमेशा अच्छे व्यक्तियों को दुख पहुंचाने का प्रयास करता है, परंतु उनका बल अडिग रहता है.
- “विविधेषु च मन्मथं संगं त्यक्त्वा यथा न हि”
जो व्यक्ति हर परिस्थिति में संतुलित रहता है, वही सच्चे योगी होते हैं.
- “अच्छे कर्मों का फल अवश्य प्राप्त होता है”
- “दुःख और सुख दोनों ही अस्थायी हैं”
दुख और सुख दोनों ही क्षणिक हैं, इसलिए दोनों में समानता बनाए रखें.
- “जिसे अपने मन पर नियंत्रण है, वही सच्चा विजेता है”
- “ब्रह्मा का स्वरूप ही सच्चा ज्ञान है”
सच्चा ज्ञान वही है जो आत्मा के मूल स्वरूप को समझे.
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इन उद्धरणों को ध्यान से पढ़ें और अपने जीवन में लागू करें. ये आपके मनोबल को बढ़ाने में सहायक होंगे.