मिर्च यानि तीखा और तेज़ स्वाद जो जबान को जला देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिर्च मीठी भी होती है! जी हां, फिरोजपुर की यह हरी मिर्च मीठी है और इसकी मिठास कुछ खास है, इसलिए यह विदेशों में भी पहुंच चुकी है.
फिरोजपुर की ‘इंदिरा’ नाम की मीठी मिर्च ने देशभर के बाजार में अपनी मिठास से कब्जा कर लिया है. हालांकि इस मिर्च का बाजार पर राज 15 मार्च से अप्रैल तक ही रहता है. इसके बाद सीएच-27, सीएच-1 और सीएच-3 किस्म की मिर्च बाजार में आ जाती है.
‘इंदिरा’ मिर्च की खेती फिरोजपुर, फाजिल्का व आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में होती है। मोटा मुनाफा और तीन महीने की खेती में इतनी कमाई दूसरी फसलों में नहीं है.
जनवरी में बिजाई के पौधे करीब ढाई माह बाद फलने लगते हैं. इस दौरान बाजार में हरी मिर्च कम होती है. यही वजह है कि सब्जियों की खेती के गुर सीख चुके सीमावर्ती इलाके के किसानों ने ‘इंदिरा’ को अपनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. लोगों की जुबान पर इसका स्वाद चढ़ने में दो साल लगे.
‘इंदिरा’ मिर्च की पैदावार करने वाले किसान सीरत सिंह बताते हैं, पहले केवल दो एकड़ में मिर्च बोयी थी. लेकिन अब, दो फसल के बाद अब 20 एकड़ में मिर्च उगाते हैं. जिस समय इसकी फसल होती है उस समय मौसम भी सही रहता है. 60 हजार से एक लाख रुपये तक की प्रति एकड़ मिर्च की पैदावार हो जाती है. इस मिर्च की मिठास बांग्लादेश, चीन, श्रीलंका सहित आधा दर्जन देशों में पहुंच चुकी है.
पीएयू खेतीबाड़ी विभाग के फिरोजपुर ट्रेनिंग सेंटर के प्रमुख डॉ. जीएस औलख बताते हैं कि इस मिर्च की मिठास और जल्दी पैदावार ही इसकी खासियत है. चूंकि फिरोजपुर व सीमा से लगे इलाकों में किसानों ने सब्जियों की पैदावार को लेकर अधिक जागरूकता दिखाई है, इसलिए बाजार में जब मिर्च गायब रहती थी तो इंदिरा मिर्च उपलब्ध करवाकर वे मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.