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World Thyroid Day 2024: क्यों 25 मई को मनाया जाता है विश्व थायराइड दिवस, जानिए थीम और महत्व

World Thyroid Day 2024; हर वर्ष 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. चलिए जानते हैं विश्व थायराइड जागरूकता दिवस 2024 की थीम और महत्व.

World Thyroid Day 2024: थायराइड आज के समय में तेजी से दुनिया भर में पांव पसार रहा है. हर साल 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके. थायराइड, खराब लाइफ़स्टाइल और  गड़बड़ खानपान आदि से भी होता है. कुछ शोध के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाएं सबसे अधिक थायराइड की शिकार हो रही हैं. आज हम इस लेख में जानेंगे विश्व थायराइड दिवस की शुरुआत कैसे हुई, विश्व थायराइड जागरूकता दिवस 2024 की थीम और महत्व…

विश्व थायराइड दिवस की शुरुआत कब हुई थी

विश्व थायराइड दिवस की स्थापना पहली बार 2007 में थायराइड फेडरेशन इंटरनेशनल (टीएफआई) द्वारा किया गया था. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को थायरॉयड ग्रंथि के महत्व और इसे प्रभावित करने वाली स्थितियों के बारे में जागरूक करना है. साल 1965 में इसी दिन यूरोपीय थायराइड एसोसिएशन (ईटीए) की स्थापना की स्मृति में 25 मई को चुना गया था. ईटीए आधिकारिक तौर पर विश्व थायराइड दिवस को मान्यता देने वाला पहला संगठन था. तभी से लेकर हर साल 25 मई को ही विश्व थायरॉयड दिवस मनाया जाता है.

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विश्व थायराइड दिवस 2024 की महत्व

दरअसल पूरी दुनिया में थायराइड के मरीज मिल जाएंगे. थायरॉयड ग्रंथि और उससे संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों की समझ को बढ़ावा देने के लिए हर साल 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. थायराइड दो प्रकार के होते हैं पहला हाइपरथायराइड और दूसरा हाइपोथायराइड. जहां एक ओर हाइपरथायराइड में सबसे अधिक हार्मोन का निर्माण होता है जिससे शरीर फूलने लगता है. जबकि दूसरी ओर हाइपोथायराइड में हार्मोन का उत्पादन कम होता है जिससे शरीर सूखने लगता है. जिसे आमभाषा में सूखी थायराइड कहा जाता है.

विश्व थायराइड दिवस 2024 की थीम

विश्व थायराइड दिवस (डब्ल्यूटीडी) 2024 की थीम “गैर-संचारी रोग (एनसीडी)” है. (Non-Communicable Diseases (NCDs). बताते चलें कि थायराइड वजन बढ़ना या फिर घटने से भी सकता है. इसमें आवाज में भारीपन होना, त्वचा का सूखना, कब्ज होना, दिल की धड़कन का धीमा होना,कोलेस्टेरोल का बढ़ना, कमजोरी और थकान महसूस होना, याददाश्त कमजोर होना, मांसपेशियों में कठोरता आना और उसमें दर्द होना, नींद नहीं आना आदि है.

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