फिल्म समीक्षा
फिल्म :मिस लवली
निर्देशक:असीम अहलूवालिया
कलाकार:नवाजुद्दीन सिद्दीकी,निहारिका सिंह
रेटिंग:ढाई
उर्मिला कोरी
प्रयोगों के इस दौर में मिस लवली इस दौर की आगे की कड़ी कही जा सकती है. अब तक हिंदी सिनेमा के कई पहलुओं को फिल्म में दिखाया गया है लेकिन मिस लवली सी ग्रेड फिल्मों के बनने और उससे जुड़े लोगों की कहानी को बयां कर रहा है. 80 से 90 के शुरुआती दशक तक सी ग्रेड फिल्मों का अपना एक संसार था. यह फिल्म उसी सेक्स, स्वार्थ और शोषण की अंधी, संकरी गली में ले जाती है. फिल्म विक्की (अनिल जॉजर्) की महत्वाकांक्षाओं और सोनू (नवाजुद्दीन) के आत्मसंघर्ष की कहानी है. ये फिल्मों में कुछ करना चाहते हैं. विक्की एडल्ट फिल्में बनाकर बड़े लोगों तक पहुंचना चाहता है. सोनू की सोच अलग है लेकिन वह भी अपने भाई की मदद करने लगता है.
इन दोनों के साथ एक अभिनेत्री भी है. पिंकी जिसे सोनू बड़ी स्टार बनाने का वादा करता है लेकिन फिल्म बनाने के नाम पर सोनू, विक्की और पिंकी जिन हालात से गुजरते हैं वो सी ग्रेड हिंदी फिल्मों का डार्क चेहरा सामने आने लगता है. असीम अहलूवालिया प्रशंसा की जानी चाहिए जो उन्होंने ऐसे अनछुए विषय को अपनी फिल्म में बयां किया है. फिल्म का ट्रीटमेंट कहीं कहीं ड्रॉक्यूमेंट्री सा नजर आता है. फिल्म में बोल्ड सींस का भी जबरदस्त इस्तेमाल किया गया है. जिससे यह फिल्म फैमिली ऑडियंस से दूर ही रहेगी. नवाजुद्दीन अपने भू्मिका में बेजोड़ रहे हैं. अनिल जॉर्ज ध्यान आकर्षित करने में कामयाब नजर आते हैं. निहारिका भी अच्छी है. कलाकारों का संजीदा अभिनय इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है.