मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें गायिका लता मंगेशकर को कोल्हापुर में उनके एक भूखंड का उपयोग बदलने की इजाजत देने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई थी.न्यायमूर्ति एस जे वजीफदार और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता ने यह […]
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें गायिका लता मंगेशकर को कोल्हापुर में उनके एक भूखंड का उपयोग बदलने की इजाजत देने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई थी.न्यायमूर्ति एस जे वजीफदार और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता ने यह नहीं बताया है कि राज्य सरकार के निर्णय को क्यों दरकिनार कर देना चाहिए.
मराठी फिल्म जगत के एक संगठन अखिल भारतीय मराठी चित्रपट महामंडल ने एक जनहित याचिका दायर करके कहा था कि सरकार का निर्णय केवल लता को फायदा पहुंचाना था.लता ने 1959 में जाने माने मराठी फिल्म निर्देशक-निर्माता भालजी पेंढारकर से 13 एकड़ जमीन खरीदी थी। पेंढारकर ने कोल्हापुर की पूर्व रियासत से यह भूखंड खरीदा था.उन्हें फिल्म स्टूडियो बनाने के लिए यह भूखंड दिया गया था.जनहित याचिका में कहा गया कि पेंढारकर का जयप्रभा स्टूडियो अब भी वहां है.
लता ने वहां एक रिहाइशी आवास योजना विकसित करने के लिए 1982 में सरकार से इजाजत मांगी थी.सरकार और कोल्हापुर नगर निगम ने उनके इस अनुरोध को स्वीकृति दे दी थी.याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति जताई थी लेकिन उच्च न्यायालय ने कल कहा कि वह राज्य सरकार के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती.