एजल: म्यामांर के जाति आधारित विद्रोही समूहों ने आज देश की सरकार के साथ राजधानी नेय पी दाव में संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डाभोल एवं पूर्वोत्तर मामलों के लिये प्रधानमंत्री के विशेष दूत आर एन रवि भी मौजूद थे.
इस अवसर पर मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री जोरामथंगा भी मौजूद थे जिन्हें संघर्षविराम करार पर हस्ताक्षर के मौके पर आमंत्रित किया गया था. यूनाइटेड नेशनलिटीज फेडरल काउंसिल (यूएनएफसी) के परचम तले म्यामांर के विद्रोही समूहों में केरेन नेशनल यूनियन (केएनयू), डेमोके्रटिक बेनोवेलेंट केरेन आर्मी (डीबीकेए), केरेन पीस काउंसिल (केपीसी), अराकन लिबरेशन आर्मी (डीबीकेए), आल बर्मा स्टूडेंट्स डेमोके्रटिक फ्रंट (एबीएसडीएफ), पलांग नेशनल लिबरेशन आर्गेनाइजेशन (पीएनएलओ) एवं चिन नेशनल फ्रंड (सीएनएफ) शामिल हैं.
जोरामथंग ने विद्रोही समूहों एवं म्यामांर सरकार के बीच शांति समझौते में भूमिका निभायी थी . उन्होंने विद्रोही समूहों और सरकार के बीच बातचीत के लिए पूर्व में यंगून, नये पी दाव और बैंकाक की यात्रा की थी.पूर्व विद्रोही नेता तथा तत्कालीन भूमिगत एमएफएन प्रमुख लालडेंगा ने कहा कि उन्होंने भी दोनों पक्षों में आपसी भरोसा बनाने में भूमिका निभायी थी.