Jnanpith Award 2025: ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित सम्मान है, जिसे भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार भारत की संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं के साहित्यकारों को उनके उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए दिया जाता है.
ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत
इस पुरस्कार की स्थापना 1961 में भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक साहू शांति प्रसाद जैन के 50वें जन्मदिवस के अवसर पर की गई थी. 1965 में पहली बार यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
पुरस्कार में मिलने वाली सम्मान राशि
शुरुआती दौर में ज्ञानपीठ पुरस्कार की राशि 1 लाख रुपये थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया:
- 2005 में इसे 7 लाख रुपये किया गया.
- 2012 में इसे बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दिया गया.
- पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा भी दी जाती है.
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची
- 1965- जी शंकर कुरुप (मलयालम)
- 1966- ताराशंकर बंधोपाध्याय (बांग्ला)
- 1967- केवी पुत्तपा (कन्नड़) और उमाशंकर जोशी (गुजराती)
- 1968- सुमित्रानंदन पंत (हिन्दी)
- 1969- फिराक गोरखपुरी (उर्दू)
- 1970- विश्वनाथ सत्यनारायण (तेलुगु)
- 1971- विष्णु डे (बांग्ला)
- 1972- रामधारी सिंह दिनकर (हिन्दी)
- 1973- दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे (कन्नड़) और गोपीनाथ महान्ती (ओड़िया)
- 1974- विष्णु सखा खांडेकर (मराठी)
- 1975- पी.वी. अकिलानंदम (तमिल)
- 1976- आशापूर्णा देवी (बांग्ला)
- 1977- के. शिवराम कारंत (कन्नड़)
- 1978- एच. एस. अज्ञेय (हिन्दी)
- 1979- बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (असमिया)
- 1980- एस.के. पोट्टेकट (मलयालम)
- 1981- अमृता प्रीतम (पंजाबी)
- 1982- महादेवी वर्मा (हिन्दी)
- 1983- मस्ती वेंकटेश अयंगर (कन्नड़)
- 1984- तक्षी शिवशंकरा पिल्लई (मलयालम)
- 1985- पन्नालाल पटेल (गुजराती)
- 1986- सच्चिदानंद राउतराय (ओड़िया)
- 1987- विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज (मराठी
- 1988- डॉ. सी नारायण रेड्डी (तेलुगु)
- 1989- कुर्तुल एन. हैदर (उर्दू)
- 1990- वी.के.गोकक (कन्नड़)
- 1991- सुभाष मुखोपाध्याय (बांग्ला)
- 1992- नरेश मेहता (हिन्दी)
- 1993- सीताकांत महापात्र (ओड़िया)
- 1994- यूआर अनंतमूर्ति (कन्नड़)
- 1995- एमटी वासुदेव नायर (मलयालम)
- 1996- महाश्वेता देवी (बांग्ला)
- 1997- अली सरदार जाफरी (उर्दू)
- 1998- गिरीश कर्नाड (कन्नड़)
- 1999- निर्मल वर्मा (हिन्दी) और गुरदयाल सिंह (पंजाबी)
- 2000- इंदिरा गोस्वामी (असमिया)
- 2001- राजेन्द्र केशवलाल शाह (गुजराती)
- 2002- दण्डपाणी जयकान्तन (तमिल)
- 2003- विंदा करंदीकर (मराठी)
- 2004- रहमान राही (कश्मीरी)
- 2005- कुंवर नारायण (हिन्दी)
- 2006- रवीन्द्र केलकर (कोंकणी) और सत्यव्रत शास्त्री (संस्कृत)
- 2007- ओएनवी कुरुप (मलयालम)
- 2008- अखलाक मुहम्मद खान शहरयार (उर्दू)
- 2009- अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल (हिन्दी)
- 2010- चन्द्रशेखर कम्बार (कन्नड)
- 2011- प्रतिभा राय (ओड़िया)
- 2012- रावुरी भारद्वाज (तेलुगू)
- 2013- केदारनाथ सिंह (दोनों हिन्दी)
- 2014- भालचन्द्र नेमाड़े (मराठी)
- 2015- रघुवीर चौधरी (गुजराती)
- 2016– शंख घोष (बांग्ला)
- 2017– कृष्णा सोबती (हिन्दी)
- 2018 – अमिताभ घोष (अंग्रेजी)
- 2019 – अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी (मलयालवी)
- 2020 – नीलमणि फूकन (असमिया)
- 2021- 2022 – दामोदर मौजों ( कोंकणी)
- 2024 – जगद्गुरु रामभद्राचार्य (संस्कृत) और गुलज़ार (हिंदी /उर्दू)
- 2025 – विनोद कुमार शुक्ल ( हिंदी)