।।कहा निडर होकर काम करे।।
मुंबई: सरकार ने आज पूंजी बाजार नियामक सेबी को बाजार में गड़बड़ी करने तथा गलत तरीके से लोगों से पैसा जुटाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिये पूरा समर्थन देने का वादा किया. साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये उसे निडर और अडिग हो कर काम करने को कहा.
साथ ही सरकार ने सरकार ने पूंजी बाजार नियामक से भेदिया कारोबार को जड़ से खत्म करने और छोटे निवेशकों को शेयरों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कदम उठाने को और उसे अपने मानव संसाधन के पैमाने को भी बढ़ाने के लिये कहा. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को पूंजी बाजार नियामक से भेदिया कारोबार को जड़ से खत्म करने और छोटे निवेशकों को शेयरों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कदम उठाने को कहा.
सेबी के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने यहां कहा, ‘‘नियमन पारदर्शिता बढ़ाने वाले होने चाहिए. इनसे उत्पादक क्षेत्रों में उंचा निवेश आना चाहिए, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सेबी को नियमों पर अमल कराने संबंधी और अधिकार दिलाने को प्रतिबद्ध है.
पोंजी जैसी योजनाओं से आम निवेशकों के भरोसे में आई कमी से चिंतित वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बाजार नियामक सेबी से कहा है कि वह छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये उसे निडर और अडिग हो कर काम करे. चिदंबरम ने कहा सेबी को मजबूत और एक निडर नियामक बनना चाहिये. उन्होंने कहा ‘‘आखिरी संदेश यही है कि एक निडर नियामक बनो. न तो किसी से डरो और न ही किसी के आगे झुको, निडर नियामक बनो.’’
वहीं सेबी ने बाजार में गुटबंदी करने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई के लिये उसे और अधिकार दिये जाने की आज मांग की और पोंजी जैसी योजनाओं के जरिये अवैध ढंग से निवेशकों से धन जुटाने और गड़बड़ी करने वाली वित्तीय तौर पर मजबूत कंपनियों से निपटने को सेबी ने अपनी बड़ी चुनौती बताया.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष यू. के. सिन्हा ने सेबी अधिनियम में आखिरी संशोधन वर्ष 2002 में होने पर गौर करते हुये कहा, ‘‘शायद अब यह बात अधिक सशक्त ढंग से महसूस की जा रही है कि सेबी कानून को और मजबूत बनाया जाना चाहिये.’’ सिन्हा ने निवेशकों से अवैध ढंग से धन एकत्रित किये जाने का उल्लेख करते हुये कहा, ‘‘मुङो पूरा विश्वास है कि सरकार इस पर विचार करेगी और अनुकूल निर्णय लेगी. इस क्षेत्र में मैं अवैध धन के विस्तार को रेखांकित करना चाहूंगा, विभिन्न कंपनियों द्वारा अवैध ढंग से धन जुटाया जा रहा है. नियमों को अधिक स्पष्ट बनाये जाने से देश के आम परिवारों की जमा पूंजी को बेहतर ढंग से बढ़ावा दिया जा सकेगा.’’
सिन्हा ने अनेक कंपनियों द्वारा अवैध ढंग से धन जुटाये जाने को गंभीर चिंता का विषय बताते हुये ऐसी योजनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया. उन्होंने इस मामले में बाजार और निवेशकों के हित में सरकार से समर्थन की भी मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 25 सालों में हर मोड़ पर नियामक का समर्थन किया है और उम्मीद जाहिर की कि आगे भी सरकार का समर्थन मिलता रहेगा.
सिन्हा ने विदेशी संस्थागत निवेशकों :एफआईआई: को भारतीय शेयर बाजारों से जोड़े रखने और आम परिवारों की बचत पूंजी को शेयर बाजार की तरफ आकर्षित करने के काम को भी अपनी चुनौतियों में गिनाया.
सेबी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमें तकनीकी तौर पर और मानवबल दोनों ही मामलों में अपनी क्षमता बढ़ानी होगी ताकि आने वाली परिस्थितियों से निपट सकें.’’ मानव संसाधन के बारे में चिदंबरम ने कहा कि देश, उसकी अर्थव्यवस्था और बाजार काफी बड़ा है और यह और बड़ा बनने की राह पर अग्रसर है. ‘‘ऐसे में हमें पूंजी बाजार को नियमन के दायरे में रखने के लिये 600 से कहीं अधिक नियुक्तियों की आवश्यकता होगी.’’
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.