मुंबई: देश के लगभग 90 प्रतिशत एटीएम को अब 500 व 2000 रुपये के नये नोट देने के हिसाब से सुधारा जा चुका है. इस तरह कुल दो लाख एटीएम में से 1.80 लाख एटीएम अब नए नोटों की डिलीवरी के लिए तैयार कर दिए गए हैं. एटीएम बनाने वाली प्रमुख कंपनी एनसीआर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक नवरोज दस्तूर ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा,‘ लगभग 90 प्रतिशत या 1.80 लाख एटीएम में उचित बदलाव कर दिया गया है ताकि वे 500 व 2000 रुपये के नये नोट दे सकें. उन्होंने कहा कि आरबीआई के अधीन गठित कार्यबल ने हालांकि सभी एटीएम में उचित बदलाव के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया था. ‘ नोटबंदी की घोषणा के बाद 14 नवंबर को रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मूंदडा की अध्यक्षता में यह कार्यबल गठित किया था ताकि एटीएम में बदलाव की प्रक्रिया पर निगरानी रखी जा सके.दस्तूर ने कहा कि बाकी एटीएम में अगले दस दिनों में उचित बदलाव कर दिया जाएगा ताकि वे नये नोट दे सकें.
वेतन दिवस पर भी नहीं चले एटीएम, बैंकों ने दिया कम पैसा
महीने की पहली तारीख को देश भर में बैंकों में आज एक बार फिर लंबी कतारें और भीड देखने को मिली लेकिन वेतनभोगियों के साथ आम लोगों को ज्यादातर निराशा सामना करना पड़ा. ज्यादातर एटीएम बंद रहे जबकि अनेक बैंकों ने कम नकदी को देखते हुए ग्राहकों तय सीमा से भी कम पैसा दिया. तमिल नाडु में बडी संख्या में लोग बारिश के बावजूद बैंकों व एटीएम बाहर कतारों में खडे रहे. केरल, गुजरात, महाराष्ट्र व पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी लोग अपने घरेलू खर्च आदि के लिए पैसा निकालने में मशक्कत करते देखे गए. बैंकों को उनकी जरुरत से बहुत कम ही नकदी मिल रही है जिस कारण अनेक बैंकों में तो नकदी दोपहर से पहले ही खत्म हो गयी. अनेक लोगों ने शिकायत की कि बैंक उन्हें रिजर्व बैंक द्वारा तय सीमा से भी कम पैसा या नकदी दे रहे हैं. यह सीमा प्रति व्यक्ति 24000 रुपये की है. बैंकों ने हालांकि, 90 प्रतिशत एटीएम को नये नोटों के अनुरुप ढाले जाने का दावा किया है लेकिन इसके बावजूद एटीएम से नकदी नहीं मिल रही है.
दूसरी तरफ 2,000 रुपये का नोट हाथ में होने के बाद बाजार में खरीदारी नहीं हो पा रही है क्योंकि छोटी मुद्रा उपलब्ध नहीं है. लोगों की शिकायत बैंकों व एटीएम में जल्द नकदी समाप्त होने के साथ साथ इस बात को लेकर है कि उन्हें 2000 रपये के ही नोट दिए जा रहे हैं. यह अपने आप में एक नई समस्या है. यही कारण है कि देश के कई हिस्सों में ग्राहकों व वेतनभोगियों का गुस्सा बैंककर्मियों पर निकला.
बैंकरों का कहना है कि यह स्थिति अगले 6-7 दिन और बनी रह सकती है क्योंकि वेतनभोगी व पेंशनभोगी ज्यादा से ज्यादा पैसा निकालने की कोशिश करेंगे. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कल दावा किया था कि वेतन बांटने के लिये विशेष प्रबंध किये जा रहे हैं. बैंकों में अतिरिक्त नकदी भेजी जा रही है. लेकिन जमीन पर स्थिति कुछ अलग ही तस्वीर पेश कर रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि नये नोटों के वितरण में पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से भेदभाव किया जा रहा है. गुजरात में भी यही स्थिति देखने को मिली यहां भी बैंक शाखाओं और एटीएम के बाहर लंबी लाइनें दिखीं. वेतनभोगी और पेंशनर पहली तारीख होने पर नकदी पाने के लिये लाइन में खडे थे. अहमदाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने उपलब्ध नकदी की तंगी को देखते हुये ग्राहकों को आनुपातिक राशि ही उपलब्ध करा रहे हैं.
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