नयी दिल्ली : नोटबंदी के 18 दिन हो चुके हैं, लेकिन लोगों की तकलीफें अब भी कायम है. इस बीच सरकार पूरी ताकत के साथ स्थिति सामान्य करने की कोशिश कर रही है. अचानक से 86 प्रतिशत करेंसी रद्द होने से आम लोगों का जनजीवन भी बाधित है. उधर बाजार में अभी तक मात्र 1.5 लाख करोड़ रुपये की कीमत की नोट उतारे गये हैं. जो कुल रद्द करेंसी की 9.86 प्रतिशत है. आंकड़े की हिसाब से देखे तो अमान्य करेंसी की लगभग 10 प्रतिशत नोट ही छापे गये है. अभी भी 90 प्रतिशत नोट छापे जाने की जरूरत है.
नोटबंदी की दिक्कतों पर अधारितक्रेडिट सुसई रिसर्च की रिपोर्ट सामने आयी है. 25 नवंबर को आयीरिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में स्थिति सामान्य करने के लिए 1,000-2,000 करोड़ के 500 नोट छापने होंगे वहीं एक अनुमान के मुताबिक आरबीआई हर दिन 500 का 4-5 करोड़ नोट छाप रहा है.ऐसे में जनवरी 2017 तक पुराने नोटों का कुल 64 फीसदी हिस्सा ही चलन में आ पाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अब तक कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए के नए नोट छापे हैं. जबकि 500 और 1000 रुपए के रूप में 14.18 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है. ज्यादातर नोट 2000 के हैं जो बाजार में किसी काम के नहीं है. क्योंकि बाजार में छुट्टे की किल्लत है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार से करीब 2203 करोड़ 500 व 1000 के नोट रद्द किये गये है. छापे गये नोटों की संख्या में भी रिजर्व बैंक ने कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी है हालांकि 22 नवंबर को रिजर्व बैंक ने कहा था कि 1.03 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार में भेजे जा चुके है.
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