नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को देनी होगी. सीबीआई को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी ने पीटीआई भाषा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा,‘बैंकों से धोखाधड़ी मामलों की शिकायत हासिल करने के लिए यह केंद्रीयकृत एजेंसी केरूप में काम करेगी. ‘यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने पाया कि बैंकों के पास सीबीआइ में शिकायत के लिए कोई ‘फोकल पाइंट’ नहीं है. इसके चलते सीबीआइ को बैंकों में विभिन्न स्तर के अधिकारियों से बातचीत करनी पडती है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ में संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को अब अधिकृत किया गया है जो कि बैंकों से 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की शिकायतें लेगा. इस तरह की रपट मिलने के बाद वह अधिकारी सीबीआइ में किसी प्रकोष्ठ :भ्रष्टाचार निरोधक, आर्थिक अपराध या बैंक सुरक्षा तथा धोखाधड़ी प्रकोष्ठ: में शिकायत कर सकता है. उन्होंने कहा कि इसके बाद प्रभारी अधिकारी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की सिफारिश भी कर सकता है.
उल्लेखनीय है कि 2015 के दौरान सीबीआइ ने 20,000 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक राशि से जुड़े कुल 171 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की. सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय धोखाधड़ी के जिन बड़े मामलों की जांच कर रहे हैं उनमें विजय माल्या से जुड़ा 9,000 करोड़ रुपये की राशि का मामला भी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.