31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पनामा पेपर्स: ताजा लीक में भारत से जुड़े 2,000 नाम

नयी दिल्ली: विश्व भर के लेगों के गुप्त विदेशी खातों और कंपनियों की जानकारी वाले ‘पनामा पेपर्स’ के नये रहस्योद्घाटनों में भारत के करीब दो हजार लोगों, कंपनियां और पते जुडे हैं. हाल में लीक हुए पनामा पेपर्स से संबंधित दो लाख से अधिक गुप्त विदेशी कंपनियों के बाजारे में लोगों को पहली बार आन […]

नयी दिल्ली: विश्व भर के लेगों के गुप्त विदेशी खातों और कंपनियों की जानकारी वाले ‘पनामा पेपर्स’ के नये रहस्योद्घाटनों में भारत के करीब दो हजार लोगों, कंपनियां और पते जुडे हैं. हाल में लीक हुए पनामा पेपर्स से संबंधित दो लाख से अधिक गुप्त विदेशी कंपनियों के बाजारे में लोगों को पहली बार आन लाइन सूचना सुलभ हो गयी है. इस मामले में खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन इंटरनेशनल कंसोर्सियम आफ इन्वेस्टिंगेटिव जर्ननिलस्ट्स (आईसीआईजे) ने इनका डाटा बेस आन लाइन कर दिया है जिसे इंटरनेट पर खोजा जा सकता है. इस डेटाबेस में भारत से जुडी जानकारी को तलाशने पर इसमें लगभग 22 विदेशी इकाइयों, 1046 अधिकारियों या आम लोगों के लिंक, 42 बिचौलियों एवं देश के भीतर 828 पते मिलते हैं.

इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे उपनगरीय शहरों से लेकर हरियाणा के सिरसा, बिहार के मुजफ्फरपुर और मध्यप्रदेश के मंदसौर और इस राज्य की राजधानी भोपाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों तक के पते शामिल है.इंटरनेशनल कंर्सोटियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने आज एक डेटाबेस प्रकाशित किया है, जिसने अमेरिका में नवादा से हांगकांग और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स तक में स्थापित लगभग 2.14 लाख विदेशी इकाइयों (कंपनियों) का पर्दाफाश हुआ है.कंर्सोटियम ने अपने हालिया संदेश में कहा, ‘‘यह जानकारी पनामा पेपर्स जांच का हिस्सा है. यह विदेशी कंपनियों और उनके पीछे के लोगों के बारे में अब तक जारी हुई सबसे बडी जानकारी है. उपलब्ध होने पर इसमें इन अपारदर्शी इकाइयों के असल मालिकों के नाम भी शामिल हैं.’
समूह ने कहा कि ‘‘आईसीआईजे जिस नए डेटा को सार्वजनिक कर रहा है, वह पनामा पेपर्स का एक हिस्सा भर है. पनामा पेपर्स पनामा की विधि कंपनी मोसैक फोन्सेका की 1.15 करोड से ज्यादा लीक हुई फाइलें हैं.’ समूह ने कहा कि वह , ‘‘आईसीआईजे लीक से जुडी सब जानकारी प्रकाशित नहीं कर रहा है और न ही वह मूल दस्तावेज या निजी जानकारी जारी कर रहा है. इस डेटाबेस में कंपनी मालिकों, छद्म लोगों और बिचौलियों के बारे में व्यापक गोपनीय जानकारी है लेकिन यह बैंक खातों, ईमेल के लेनदेन और दस्तावेजों में वर्णित वित्तीय लेनदेन की जानकारी उजागर नहीं करता.’
समूह ने कहा, ‘‘लीक किए गए डेटा में लगभग 40 वर्षों यानी 1977 से 2015 के अंत तक की जानकारी है.’ भारतीय जांचकर्ताओं ने कहा था कि वे इस मामले में ताजा जानकारी आने पर ‘इस पर गौर करेंगे’. इस ताजा जानकारी में ये हालिया दस्तावेज शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय ने भी कल केंद्र से एक याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें विदेशी बैंकों में खाता रखने वाले उन लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई है, जिनके नाम पनामा पेपर्स में आए हैं.
पनामा की विधि कंपनी मोसैक फोन्सेका के डाटा सेंटर से उडाइ गयी इन गोपनीय सूचनाओं की चर्चा पनामा पेपर्स के रुप में हुई है. ‘पनामा पेपर्स’ की पहली खेप जारी करने वाले पत्रकारों के इस इस वैश्विक नेटवर्क ने कहा कि किसी विशेष देश के बारे में जानकारी का कोई ‘दूसरा पहलू’ भी हो सकता है. उसने दोहराया है कि कि ‘‘विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों ‘ के कार्य वैध भी हो सकते हैं.’ संस्था ने अपने वेब पोर्टल पर कहा, ‘‘हम यह नहीं कहना चाहते कि आईसीआईजे के विदेशी लीक डेटाबेस में जिन लोगों, कंपनियों या अन्य इकाइयों के नाम हैं, उन्होंने कानून तोडा है या अनुचित तरीके से व्यवहार किया है.
‘ पिछले माह पनामा पेपर्स के पहले सेट में सामने आए 500 से अधिक नामों पर गौर करने के लिए भारत ने एक बहु-एजेंसी समूह (एमएजी) गठित किया है, जिसमें आयकर विभाग, एफआईयू, आरबीआई और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के तहत आने वाले विदेशी कर एवं कर अनुसंधान (एफटी और टीआर) शामिल हैं. इसके अलावा कालेधन पर बना विशेष जांच दल इन मामलों की जांच की समीक्षा कर रहा है.
संस्था की वेबसाइट पर ग्राफिक के रूप में डाले गए नाम और पते भारतीय नाम और पतों को उनकी कंपनी की पहचान के साथ तो दर्शाते ही हैं, साथ ही साथ कुछ मामलों में कंपनी की शुरुआत की तिथि का भी उल्लेख मिलता है.डेटाबेस में करीब 30 हजार दस्तावेज भारतीय लिंक के साथ सूचीबद्ध हैं.
आईसीआईजे ने कहा है कि यह अतिरिक्त जानकारी ‘जनहित’ में जारी की गयी है. उसने यह भी कहा कि यह कदम भी पनामा पेपर्स और विदेशी लीक की जांच और उससे जुडी लगभग 3.2 लाख विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों के पीछे के लोगों का पता लगाने की कोशिश का हिस्सा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें