मुंबई: तेल आयातक कंपनियों की सतत डालर मांग और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) द्वारा साख दर कम करने की संभावना के कारण रुपया आज 23 पैसों की गिरावट के साथ पांच माह के निम्न स्तर 55.11 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.
बाजार सूत्रों ने कहा कि स्थानीय शेयर बाजार में कमजोरी और विदेशों में अन्य मुद्राओं की तुलना में डालर में मजबूती के कारण भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई.अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 55.06 रुपये प्रति डालर पर कमजोर खुला जो शुक्रवार को 54.88 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ था.
हालांकि घरेलू शेयर बाजार में आरंभिक मजबूती और निर्यातकों की डालर बिकवाली से रुपया बाद में 54.80 रुपये प्रति डालर तक सुधर गया लेकिन बाद में फिर 55.20 रुपये प्रति डालर तक लुढ़क गया और अंत में 23 पैसों अथवा 0.41 प्रतिशत की तेजी के साथ 55.11 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. यह इस वर्ष के सात जनवरी के बाद का निम्नतम स्तर है.
शुक्रवार को वैश्विक साख निर्धारक एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने धमकी दी है कि अगर भारत सुधारों को आगे नहीं बढ़ाता है जो उसकी साख दर को घटाकर “कबाड़” का दर्जा दिया जायेगा.बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज करीब 62 अंक की गिरावट के साथ 20,223.98 अंक पर बंद हुआ.
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने संदर्भ दर 55.0368 रुपये प्रति डालर और 70.6835 रुपये प्रति यूरो निर्धारित किया है.
पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपये में गिरावट आई.
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