नयी दिल्ली: भारत के उच्च आय वाले व्यक्तगत निवेशकों (एचएनआई) तथा अन्य निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित करने वाले विदेशी ब्रोकरेज कंपनियां, हेज फंड तथा अन्य बाजार मध्यस्थों की बढ़ती संख्या के बीच बाजार नियामक सेबी ऐसी विदेशी इकाइयों के लिये अलग नियम लाने पर विचार कर रहा है.
नये नियम यह सुनिश्चित करेंगे कि जो इकाइयां विदेशी बाजारों में काम कर रही है, वे भारतीय निवेशकों के लिये काम करते समय घरेलू बाजार इकाइयों के लिये जरुरी नियमों का अनुपाल करें.
इसके अलावा नये नियमों से भारतीय निवेशकों के लिये भी नये मौके उपलब्ध होंगे. उन्हें विदेशी बाजारों में निवेश का मौका मिलेगा. साथ ही उन्हें ऐसी गलत इकाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा जो भारतीय नियमों का अनुपालन किये बगैर उन्हें उच्च रिटर्न का वादा करते हैं.
अधिकारियों के अनुसार विदेशी बाजारों में काम करने वाले ब्रोकरेज कंपनियों या अन्य मध्यस्थ अगर भारतीय नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं और सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) के दायरे में नहीं आते हैं तो इससे कुछ निवेशकों के साथ गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिये यह जरुरी है कि विदेशी इकाइयों समेत सभी मध्यस्थ निर्धारित नियमों का पूरी तरह पालन करे.’’ उसने कहा, ‘‘यही कारण है कि सेबी भारतीय निवेशकों को निवेश सुविधा देने वाली विदेशी कंपनियों को नियामकीय दायरे में लाने पर विचार कर रहा है.’’
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