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2जी स्पेक्ट्रम नीलामी 23 जनवरी से

नयी दिल्ली : दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन सेवा कंपनियों को स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया अब 60 दिन की बजाय 42 दिन में पूरी करने का फैसला किया है. विभाग 2जी स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी 23 जनवरी से कराने जा रहा तथा इसके लिए आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस (एनआइए) जारी कर दिया गया. […]

नयी दिल्ली : दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन सेवा कंपनियों को स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया अब 60 दिन की बजाय 42 दिन में पूरी करने का फैसला किया है. विभाग 2जी स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी 23 जनवरी से कराने जा रहा तथा इसके लिए आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस (एनआइए) जारी कर दिया गया. एनआइए में कहा गया है कि 1800 मेगाहट्र्ज व 900 मेगाहट्र्ज बैंड के स्पेक्ट्रम के आवंटन के विषय में निर्णय एक ही प्रक्रिया के तहत किया जायेगा.

* नयी कंपनियों के लिए बाध्यता : नयी कंपनियों को प्रत्येक 200 किलोहट्र्ज फ्रिक्वेंसी के स्पेक्ट्रम में कम से कम 25 ब्लॉक के लिए बोली लगानी होगी जो 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में पांच मेगाहट्र्ज के बराबर बैठेगी. मौजूदा कंपनियों को इस बैंड में न्यूनतम तीन ब्लॉक के लिए बोली लगाने की दरकार होगी. उस सेवा क्षेत्र में जहां एक कंपनी के पास स्पेक्ट्रम नहीं है, उसे नयी कंपनी समझा जायेगा. एयरटेल, वोडाफोन और लूप मोबाइल को 900 मेगाहट्र्ज बैंड में बोली लगाने के लिए नयी कंपनी समझा जायेगा. 900 मेगाहट्र्ज बैंड खरीदने की इच्छुक सभी बोलीकर्ताओं को न्यूनतम पांच मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम खरीदना होगा. क्योंकि इस बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने से उन्हें दोगुना कवरेज मिलेगा.

* पूरी प्रक्रिया 42 दिनों में पूरी होगी

* स्पेक्ट्रम का मूल्य 48,985 करोड़

दोनों बैंड में नीलाम किये जानेवाले स्पेक्ट्रम का मूल्य 48,985 करोड़ रुपये आंका गया है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में स्पेक्ट्रम नीलामी से 40,857.5 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है, जिसमें फीस व अग्रिम राशि भी शामिल है. नीलामी में कामयाब होनेवाली कंपनियों को कीमत किस्तों में चुकाने की भी छूट है. 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में सफल कंपनी को मूल्य का 33 प्रतिशत तथा 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 25 प्रतिशत हिस्सा पहले ही जमा कराना होगा. उसके बाद उन्हें दो साल की मोहलत रहेगी और बाकी पैसा 10 बराबर किस्तों में वसूला जा सकेगा.

सफल बोलीकर्ता को शेष राशि की पहली किस्त का भुगतान, पहले भुगतान के तीसरे वर्ष करना पड़ेगा और बाद के साल में प्रत्येक वर्ष उसी तिथि को बाकी किस्तें देनी होंगी. उस स्थिति में जब सभी स्पेक्ट्रम बिक जाते हैं और सभी कंपनियां किस्तों में भुगतान का विकल्प चुनती हैं तो सरकार को चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम की नीलामी से सीधे करीब 15,200 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.

* आवेदन की अंतिम तिथि चार जनवरी

इच्छुक कंपनियां चार जनवरी तक आवेदन जमा करा सकती हैं. इससे पहले 20 दिसंबर को दूरसंचार विभाग कंपनियां के साथ एक नीलामी पूर्व बैठक करेगा. एनआइए में उल्लिखित नियमों के बारे में 28 तक स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है. पहले विभाग ने नीलामी के लिए मंत्रिमंडल के निर्णय की तिथि से 60 दिन की मांग की थी. विभाग निर्णय की तिथि के 15 दिन बाद एनआइए जारी करनेवाला था. पर, अब 1800 और 900 मेगाहट्र्ज बैंड के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आधार मूल्य पर मंत्रिमंडल के निर्णय के तीन दिन के अंदर ही एनआइए जारी कर दिया गया है.

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