पोर्ट लुई: मारीशस ने आज कहा कि भारत के साथ कर संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के नये सममझौते (टीआईईए) पर बातचीत पूरी हो चुकी है और समझौते का मसौदा हस्ताक्षर के लिए तैयार है.
मारीशस के वित्त सचिव अली मंसूर ने कहा कि नए समझौते से एक दूसरे के यहां काम करने वाली दोनों देशों की कंपनियों के कर मामलों में सूचनाओं के आदान-प्रदान में दोनों देशों को मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि इसके अलावा दोनों देश दोहरे कराधान से बचाव की संधि (डीटीएए) के एक नए प्रारुप पर भी काम कर रहे हैं और इसको लेकर कई मोचरे पर प्रगति हुई है.
मंसूर ने कहा कि मौजूदा बातचीत का एक अहम पहलू यह है कि मारीशस के रास्ते मनीलांडरिंग संबंधी भारत की चिंता का निदान कैसे हो. इसके लिये कदम उठाये जाने की जरुरत है. भारत में विदेशी निवेश का आधा हिस्सा मारीशस के रास्ते आता है और हाल के दिनों में यह आशंका बढ़ी है कि इस द्वीपीय देश का उपयोग मनी लांड्रिंग तथा अवैध धन के निवेश के लिए किया जा रहा है.
इस दिशा में उठाये जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए मंसूर ने कहा, ‘‘डीटीएए में संशोधन के लिये संयुक्त कार्यकारी समूह गठित किया गया है और मारीशस ने भारत की चिंता दूर करने के लिये समझौते के प्रावधानों के तहत तथा इसके अतिरिक्त भी कई कदम उठाये हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय आडिटरों को यहां आने तथा मारीशस से काम करने वाली कंपनियों के बही-खातों की जांच करने की अनुमति दी गयी है. दोनों देशों के बाजार नियामकों सेबी तथा वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) के बीच एक समझौता किया गया है.’’
उन्होंने यह भी कहा कि मारीशस, भारत में निवेश करने वाली कंपनियों को जारी कर निवास प्रमाणपत्र की समीक्षा नियमित आधार पर करने को सहमत हुआ है. मंसूर अंतरराष्ट्रीय कर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं जिसका आयोग इंटरनेशनल फिसकल एसोसिएशन ने किया है.
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