नयी दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा कि खरीफ फसल की आवक तथा रुपये में हाल की स्थिरता से मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलेगी और रिजर्व बैंक इसे ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति की आगामी समीक्षा में सीमांत स्थायी दर (एमएसएफ) में कटौती कर सकता है. एमएसएफ वह दर है जिस पर बैंक उससे कर्ज लेते हैं.
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा कि रुपये में हाल की स्थिरता के साथ खरीफ उत्पादन बेहतर रहने से मुद्रास्फीति दबाव कम होगा. इसे ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को नरम बनाना जारी रखते हुए एमएसएफ दर में कटौती कर सकता है.रिजर्व बैंक ने बैंकों में नकदी बढ़ाने के लिये सात अक्तूबर को एमएसएफ दर 9.5 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले, 20 सितंबर को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में एमएसएफ को 10.25 प्रतिशत से कम कर 9.5 प्रतिशत कर दिया था. केंद्रीय बैंक दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा 29 अक्तूबर को करने वाला है.
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