नयी दिल्ली : प्याज तथा अन्य सब्जियों सहित खाद्य वस्तुओं की उंची कीमतों की वजह से सितंबर माह में थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.46 प्रतिशत पर पहुंच गई. पिछले सात माह में यह मुद्रास्फीति का सबसे उंचा स्तर है. मुद्रास्फीति बढ़ने से रिजर्व बैंक के लिये नीतिगत दरों में कटौती करना मुश्किल होगा.
सरकार द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति में लगातार चौथे महीने इजाफा हुआ है. अगस्त में मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत थी. वहीं जुलाई में यह 5.85 प्रतिशत (5.79 प्रतिशत से संशोधित) रही थी. एक साल पहले सितंबर में यह 8.07 फीसद के उच्च स्तर पर थी.इस बार सितंबर में प्याज की कीमत एक साल पहले की तुलना में 322.94 प्रतिशत उंची रही. इसी तरह सब्जियां का भाव भी पिछले साल की तुलना में 89.37 उंचा रहा. इससे आम लोगों की कठिनाइयां बढ़ गयीं. सितंबर में फल सालाना आधार पर 13.54 प्रतिशत महंगे रहे.
कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में 18.40 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही. अगस्त में यह 18.18 प्रतिशत पर थी. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि यदि मुद्रास्फीति6 प्रतिशत से उंची है, तो यह ‘असंतोषजनक’ स्तर पर है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी महीनों में मुद्रास्फीति नीचे आएगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.