वाशिंगटन : वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि भारत सरकार देश में बुनियादी ढांचे के तीव्र विकास पर ध्यान दे रही है जिसके मद्देनजर देश में विदेशी निवेश के लिए बहुत संभावनाएं हैं.चिदंबरम ने कल कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान विद्युत, सड़क, बंदरगाह, नागर विमानन आदि में निवेश के लिए एक हजार अरब डॉलर की जरुरत का अनुमान है जिसका आधा हिस्सा निजी क्षेत्र से आने की उम्मीद है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक पूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए यहां आए चिदंबरम ने कहा कि यह विदेशी निवेशकों को भारत से उच्च मुनाफा कमाने का सुनहरा मौका मुहैया कराता है.उन्होंने कहा, ‘‘ विदेशी निवेश के लिए काफी संभावनाएं हैं. हम बुनियादी ढांचों संबंधी कई बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.’’
चिदंबरम ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना का उल्लेख किया, जिसमें 90 अरब डालर का निवेश होने का अनुमान है. यह गलियारा दिल्ली से मुंबई के बंदरगाहों के बीच छह राज्यों में 1,483 किमी तक फैला होगा.
इस परियोजना में 200-250 वर्ग किमी के दायरे में फैले नौ विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जाएंगे। ये औद्योगिक क्षेत्र उच्चगति के विशेष मालगाडी रेलमार्ग, तीन बंदरगाह, छह हवाईअड्डे और देश की राजनीतिक और वित्तीय राजधानी को जोड़ने वाले छह लेन के बाधामुक्त एक्सप्रेस.मार्ग से जोड़े जाएंगे.
चिदंबरम ने कहा कि भारत सरकार सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए निजी सरकारी भागीदारी को बढ़ावा दे रही है, ताकि निजी क्षेत्र की कार्यकुशलता का लाभ लिया जा सके.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत हाल के वर्षो में भारत विश्व में पीपीपी परियोजनाओं का प्रमुख बाजार बनकर उभरा है. सरकार ने इसके लिए अनेक नीतिगत और संस्थागत कदम उठाये हैं. हमारे पास इस समय बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कुल 97 अरब डालर की लागत की 1,000 से अधिक पीपीपी परियोजनाएं हैं.’’
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