नयी दिल्ली : भारतीय उद्योग जगत चाहता है कि भारतीय रिजर्व बैंक के नये गवर्नर रघुराम राजन अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में निवेश च्रक को गति तथा आर्थिक वृद्धि को बल देने के लिए नायाब समाधान पेश करें.उद्योग मंडल फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा, अर्थव्यवस्था में वृद्धि के निचले स्तर, कमजोर व्यापार विश्वास तथा निवेश च्रक में विराम को देखते हुए हमें अपेक्षा है कि नये गवर्नर ऐसे कदम उठायेंगे जिससे निवेशक धारणा मजबूत हो तथा अर्थव्यवस्था में भरोसा लौटे.
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, हमें कुछ नायाब समाधनों की अपेक्षा है जो कि निम्न दरों पर पर्याप्त रिण सुनिश्चित करें ताकि देश फिर वृद्धि की राह पर लौट सके. पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष ज्योति खैतान ने कहा कि इस समय रेपो दर में कटौती की जरुरत है ताकि औद्योगिक उत्पादन प्रक्रिया को सुकर बनाया जा सके तथा निर्यात बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजारों से लाभ लिया जा सके. केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति (2013-14) की मध्य तिमाही समीक्षा 20 सितंबर को करेगा.
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