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माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया को खरीदा

सौदा : 720 करोड़ डॉलर में हुआ सौदा, स्टीफन एलाप माइक्रोसॉफ्ट के मोबाइल डिवाइस कारोबार के प्रमुख होंगे मुंबई : अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने मोबाइल हैंडसेट बनानेवाली नोकिया को खरीदने का सौदा किया है. यह सौदा 5.44 अरब यूरो ( 7.2 अरब डॉलर ) का है जिसके तहत माइक्रोसॉफ्ट नोकिया के मोबाइल हैंडसेट कारोबार […]

सौदा : 720 करोड़ डॉलर में हुआ सौदा, स्टीफन एलाप माइक्रोसॉफ्ट के मोबाइल डिवाइस कारोबार के प्रमुख होंगे

मुंबई : अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने मोबाइल हैंडसेट बनानेवाली नोकिया को खरीदने का सौदा किया है. यह सौदा 5.44 अरब यूरो ( 7.2 अरब डॉलर ) का है जिसके तहत माइक्रोसॉफ्ट नोकिया के मोबाइल हैंडसेट कारोबार को खरीदेगी. माइक्रोसॉफ्ट को अब तक मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में जाना जाता रहा है और उसका कहना है कि वह स्मार्टफोन बाजार में अपनी स्थिति सुदृढ करने के लिए नोकिया को खरीद रही है. किसी समय दुनिया भर में मोबाइल हैंडसेट बाजार में नोकिया की तूती बोला करती थी.

हालांकि, स्मार्टफोन के आने के बाद उसे बाजार भागीदारी बनाये रखने के लिए सैमसंग तथा एप्पल से टक्कर लेनी पड़ रही है.

क्या है सौदे में

माइक्रोसॉफ्ट ने एक बयान में कहा कि इस समझौते के तहत माइक्रोसॉफ्ट कंपनी नोकिया के पूरे उपकरण और सेवा कारोबार के लिए 3.79 अरब यूरो और नोकिया के पेटेंट अधिकारों के उपयोग के लिए 1.65 अरब यूरो का भुगतान करेगी. इस सौदे के तहत माइक्रोसॉफ्ट को नोकिया के उपकरणों व सेवाओं के कारोबार के साथ साथ उसकी पेटेंटशुदा तकनीकों के इस्तेमाल का भी अधिकार मिलेगा. इस सौदे से माइक्रोसॉफ्ट भारत सहित अन्य उदीयमान बाजारों में मोबाइल व टेबलेट खंड में और धमक के साथ प्रवेश कर सकेगी. सौदे के 2014 के शुरू में पूरा होने की संभावना है.

बदलेगा बाजार का डॉयनामिक्स

इस सौदे के बाद इन दोनों कंपनियों की प्रवृत्ति बदल जायेगी. नोकिया मोबाइल फोन कारोबार से निकलकर सिर्फ नेटवर्क उपकरण बनानेवाली कंपनी रह जायेगी. वहीं माइक्रोसॉफ्ट हार्डवेयर में आक्रमकता से उतरेगी. इस सौदे के तहत माइक्रोसॉफ्ट एलाप सहित नोकिया के 32000 कर्मचारियों को विदेश लायेगी.

खुश हुआ बाजार

इस घोषणा के बाद शेयर हेलसिंकी स्टॉक एक्सचेंज में नोकिया का शेयर 40 प्रतिशत से अधिक मजबूत हुआ. वहीं नस्दक में माइक्रोसॉफ्ट के शेयर में 0.24 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली. गार्टनर के प्रधान अनुसंधान विेषक अंशुल गुप्ता ने इस सौदे के बारे में कहा कि यह सौदा इस बात की पुष्टि करता है कि माइक्रोसॉफ्ट अपने फोन कारोबार को लेकर बहुत गंभीर है.

जानिये स्टीफन एलाप को

नोकिया के कनाडाई बॉस स्टीफन एलाप इस सौदे के बाद अमेरिका लौटकर माइक्रोसॉफ्ट के मोबाइल डिवाइस कारोबार के प्रमुख होंगे. एलाप 2010 में नोकिया में आने से पहले भी माइक्रोसॉफ्ट की बिजनेस सॉफ्टवेयर शाखा को चलाते थे. एलाप को माइक्रोसॉफ्ट के सेवानिवृत्त हो रहे सीइओ स्टीव बामर के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है.

सफर : अर्श से फर्श का

कहते हैं व्यापार में किसी की सफलता की कहानी जितनी अहम होती है, असफलता की कहानी उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. एक समय था जब भारत के बाजारों में मोबाइल फोन का मतलब नोकिया हुआ करता था. फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि 14 वर्षो तक बाजार के अकेले राजा के साम्राज्य का सूरज कुछ इस तरह डूबा की किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई. लेकिन यह एक दिन की कहानी नहीं है. 2006 में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 70 से 60 प्रतिशत पर आ गयी और फिर यह आंकड़ा नीचे ही नीचे जाता रहा. बाजार के जानकार कहते हैं कि इसमें बाजार के कारक नहीं बल्कि खुद नोकिया की लापरवाही ही जिम्मेदार रही. क्या ये हैं नोकिया के पतन के कारण

अपडेट करने में की देरी

नोकिया ने अपने मोबाइल फोन के लिए खुद का विकिसत किया सिमबियन ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) काम में लिया. जबकि, अन्य कंपनियों के ज्यादा रिस्पोंसिव ओस आने के बाद लोगों ने सिमबियन को नकारना शुरू कर दिया. जब कंपनी को इस कमी का अहसास हुआ तब तक कंपनी लाखों ग्राहक खो चुकी थी. इतना ही नहीं मोबाइल फोन में नयी तकनीक लाने में तो नोकिया आगे रही लेकिन उसे अपडेट करने में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से पिछड़ी रही. नोकिया ने 2002 में ही स्मार्टफोन जारी कर दिये थे फिर भी वह एप्पल से पीछे ही रहा.

नहीं की कल की परवाह

नोकिया ने अपने स्वर्णिम समय में भविष्य की परवाह नहीं की और न ही हाल के वर्षों में. नोकिया ने स्मार्टफोन सबसे पहले लांच करके भी इसकी भविष्य में डिजाइन, तकनीक और फीचर्स के लिए कोई प्लानिंग नहीं की. वर्ष 2002 में सिमिबयन सीरीज 60 के स्मार्टफोन लांच किये. अगले कुछ सालों तक इनकी बेसिक तकनीक मे कोई बदलाव नहीं किया गया. इसी बीच 2007 में एप्पल ने आइफोन लांच कर दिया. इसके बाद एंड्राइड ने स्मार्टफोन्स को जन-जन तक पहुंचा दिया. वर्ष 2011 में नोकिया ने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनाया.

डूअल सिम मोबाइल लांच करने में देरी

वर्ष 2006-07 में चाइनीज मोबाइल फोन निर्माताओं ने डूअल सिम फोन लांच करना शुरू कर दिए. नोकिया ने इस बाजार बदलाव पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. नोकिया ने 2010 में पहला डूअल सिम फोन लांच किया.

चाइनीज फोन को लिया हल्के में

नोकिया की 70 प्रतिशत से अधिक बाजार एकाधिकार पर सबसे ज्यादा अगर असर डाला तो वह हैं, चाइनीज फोन. जब नोकिया तीन हजार रूपए से महंगे मोबाइल फोन बेच रहा था, तब चाइनीज फोन हजार रुपये में मिल रहे थे. नतीजा, नोकिया की बाजार हिस्सेदारी कम हुई.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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