मुंबई : रिलायंस बैंक को बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने के संबंध में आशान्वित उद्योगपति अनिल अंबानी ने आज कहा कि इस प्रस्तावित उद्यम से रिलायंस कैपिटल के रिण भार को घटाकर मौजूदा स्तर के एक चौथाई पर लाने में मदद मिलेगी और बैंकिंग कारोबार को तीन साल बाद आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिये अलग इकाई के तौर पर सूचीबद्ध कराया जाएगा.
रिलायंस कैपिटल के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उद्योगपति अनिल अंबानी ने आज भरोसा जताया कि मुनाफे वाले बैंकिंग उद्यम की स्थापना की जाएगी और कहा कि प्रस्तावित बैंक की मदद से रिलायंस कैपिटल का ऋण मौजूदा स्तर से घटकर चौथाई स्तर पर रह जाएगा और इसे अगले तीन साल में एक अलग कंपनी के तौर पर सूचीबद्ध कराया जायेगा.
रिलायंस कैपिटल के चेयरमैन ने कहा, ‘‘हम नियामक (आरबीआई) के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बैंकिंग लाइसेंस के लिए हमारे आवेदन के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब दिया जा सके. हमें उम्मीद है कि हम बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने वाली कुछ शुरूआती इकाइयों में होंगे.’’
रिलायंस कैपिटल की विभिन्न अनुषंगियों की संभावित सूचीबद्धता के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में अंबानी ने कहा कि मूल कंपनी सूचीबद्ध इकाई होगी और प्रस्तावित बैंक को छोड़कर किसी अन्य इकाई को सूचीबद्ध करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘लाइसेंस मिलने पर तीन साल बाद नियम के मुताबिक आईपीओ लाया जाएगा और हम रिलायंस बैंक को सूचीबद्ध करेंगे.’’ अंबानी ने कहा कि प्रस्तावित बैंकिंग कंपनी का जो तुरंत फायदा होगा वह यह होगा कि कंपनी का समेकित कर्ज 20,000 करोड़ रुपये से घटकर 5,000 करोड़ रुपये रह जायेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘बैंक की दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाओं के अलावा प्रस्तावित बैंक मुनाफा कमाने वाला संस्थान होगा और इसका आपकी कंपनी को जो तुरंत फायदा होगा वह यह कि हमारे तमाम वाणिज्यिक वित्त व्यावसाय को प्रस्ताविक बैंक में स्थानांतरित करने से हमारा समेकित कर्ज 20,000 करोड़ रुपये से घटकर 5,000 करोड़ रुपये रह जायेगा.’’रिलायंस कैपिटल ने नये बैंक लाइसेंस के लिये रिजर्व बैंक को जून में आवेदन सौंपा है. रिलायंस कैपिटल उन 26 उद्योगों में शामिल हैं जिन्हांने बैंकिंग लाइसेंस के लिये आवेदन किया है. रिलायंस कैपिटल पहले से ही बीमा, म्युचुवल फंड और ब्रोकरेज क्षेत्र में कारोबार कर रहा है.
अंबानी ने कहा कि समूह के बैंकिंग क्षेत्र में पांव रखने से रिलायंस कैपिटल का ऋण. इक्विटी अनुपात समूचे उद्योग जगत के मानक से भी बेहतर होकर 0.5 से 1 के स्तर पर आ जायेगा.
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास पूंजी की तंगी नहीं है और प्रस्तावित बैंक के लिये रिलायंस कैपिटल के शेयरधारकों को शुरूआती पूंजी देने के लिये कहने की कोई योजना नहीं है.
अंबानी ने कहा ‘‘हालांकि, मौजूदा दिशा-निर्देश के मुताबिक तीन साल पूरा होने पर हम प्रस्तावित बैंक को सूचीबद्ध करना चाहते हैं और आप आश्वस्त रह सकते हैं कि हम ऐसे सभी आयामों की तलाश करेंगे जिससे उस समय हमारे 12 लाख से अधिक शेयरधारकों को फायदा होगा.’’ रिलायंस कैपिटल ने भविष्य में वृद्धि के लिए पांच प्रमुख कारोबारों – जीवन बीमा, साधारण बीमा, स्वास्थ्य बीमा, परिसंपत्ति प्रबंधन और बैंकिंग – पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है.
अंबानी के नेतृत्व वाला रिलायंस समूह उपभोक्ताओं से जुड़े विभिन्न कारोबार – वित्तीय सेवा, दूरसंचार, उर्जा, बिजली, बुनियादी ढांचा, मीडिया और मनोरंजन – करता है.
रिलायंस कैपिटल ने प्रस्तावित बैंक के लिए जापान के सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट बैंक और निप्पन लाइफ इंश्योरेंस के साथ भागीदारी करने का प्रस्ताव किया है जिसमें दोनों की चार-चार से लेकर पांच-पांच प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
नए लाइसेंस अगले साल किसी वक्त जारी किए जाएंगे. रिजर्व बैंक ने करीब एक दशक बाद नये बैंकिंग लाइसेंस जारी करने का फैसला किया है. नये बैंक लाइसेंस की दौड़ में टाटा, आदित्य बिरला समूह, एल एण्ड टी, इंडिया पोस्ट, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, बजाज, आईडीएफसी, आईएफसीआई, इंडियाबुल्स सहित अन्य कंपनियां शामिल हैं.
अंबानी ने बीमा नियामक इरडा के नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसमें बैंकों को लाइसेंसशुदा बीमा ब्रोकर बनने की मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा ‘‘हम इरडा के नए नियम का स्वागत करते हैं जिसमें बैंकों को ब्रोकर बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया है ताकि वे सिर्फ कार्पोरेट एजेंट ही न बने रहें. इस बदलाव से करोड़ों ग्राहकों को फायदा होगा और उन्हें हर बैंक में कई तरह के उत्पादों का विकल्प मिलेगा.’’
अंबानी ने कहा कि मुश्किल आर्थिक हालात के बावजूद रिलायंस कैपिटल का नतीजा पिछले वित्त वर्ष में अच्छा रहा. कंपनी की आय पिछले वित्त वर्ष में 13 प्रतिशत बढ़कर 7,519 करोड़ रुपये हो गई जबकि शुद्ध मुनाफा 77 प्रतिशत बढ़कर 812 करोड़ रुपये हो गया.
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