नयी दिल्ली : बेमौसम बारिश के कारण आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में तेजी आ सकती है और अगले तीन महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति करीब छह प्रतिशत तक पहुंच सकती है. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के मुताबिक अस्थाई तौर पर ही सही लेकिन मुद्रास्फीति में अगले तीन महीने में बढोतरी की संभावना […]
नयी दिल्ली : बेमौसम बारिश के कारण आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में तेजी आ सकती है और अगले तीन महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति करीब छह प्रतिशत तक पहुंच सकती है.
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के मुताबिक अस्थाई तौर पर ही सही लेकिन मुद्रास्फीति में अगले तीन महीने में बढोतरी की संभावना है. जापानी ब्रोकरेज कंपनी, नोमुरा इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक अनुसंधान पत्र में कहा, हमारा अनुमान है कि बेमौसम बारिश से खुदरा मुद्रास्फीति 2015 (अप्रैल-जून की अवधि) में करीब छह प्रतिशत हो सकती है जबकि हमारा मौजूदा अनुमान 5.2 प्रतिशत था.
इससे खुदरा मुद्रास्फीति में 0.80 प्रतिशत की अस्थाई बढोतरी का संकेत मिलता है. वर्मा ने कहा कि मार्च में जमीनी स्तर पर मूल्य नियंत्रित रहा और यह मुद्रास्फीति के लिए कोई चिंता का विषय नहीं है लेकिन बेमौसम बारिश के पिछले चार दौर से संकेत मिलता है कि अगली तीन तिमाहियों में खाद्य मुद्रास्फीति और इसकी वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में बढोतरी का जोखिम है.
कृषि मंत्रालय के आरंभिक आकलन के मुताबिक हालिया बारिश से करीब 1.07 करोड हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है जिसमें 18 प्रतिशत रबी फसल का रकबा भी शामिल है.
नोमुरा ने कहा कि मुद्रास्फीति में यह बढोतरी अस्थाई है और इसलिए यह आरबीआई के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए हालांकि कुछ अल्पकालिक पहल करने की जरुरत है ताकि मुद्रास्फीतिक अनुमानों पर नियंत्रण किया जा सके.
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