कोई कारोबार शुरू करने के लिए बैंक में चालू खाता खोलना जरूरी-सा है. खाता खोलने से पहले किन बातों को जानना, चाहिए, बता रहे हैं हम.
कारोबारी खाते (बिजनेस एकाउंट) को बैंक अमूमन चालू खाता (करंट एकाउंट) कहते हैं. इसे कारपोरेट एकाउंट या नो-लिएन एकाउंट भी कहते हैं. चालू खाता एकल स्वामित्व वाली फर्म, साङोदारी फर्म, प्राइवेट लिमिटेड व पब्लिक लिमिटेड कंपनियां, अविभाजित हिंदू परिवार, ट्रस्ट, क्लब, एसोसिएट आदि खोल सकते हैं.
चालू खाते के साथ आप नकदी की जमा व निकासी कर सकते हैं. कर्ज के लिए आवेदन कर सकते हैं. डेबिट कार्ड व चेकबुक पा सकते हैं. पर चालू खाते में बचत खाते की तरह चेकबुक मुफ्त नहीं मिलती. हालांकि कुछ बैंक पहली चेकबुक मुफ्त देते हैं. इसके अलावा, आप लॉकर, इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग की सुविधा ले सकते हैं. यह सब बचत खाते जैसा ही है, पर चालू खाते में कुछ चीजें भिन्न होती हैं.
चालू खाते में न्यूनतम बैलेंस के रूप में मोटी राशि रखनी पड़ती है. साधारण चालू खाते के लिए औसत मासिक बैलेंस 10 हजार रुपये से कम नहीं हो सकता. वहीं खास सुविधाओं वाले चालू खाते के लिए यह बैलेंस 50 लाख रुपये या इससे भी ज्यादा हो सकता है. रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक, चालू खाते पर बैंक कोई ब्याज नहीं देते.
चालू खाते के डेबिट कार्ड से दूसरे बैंक के एटीएम से निकासी कर सकते हैं. प्रत्येक वित्तीय लेन-देन के लिए 20 रुपये और गैर-वित्तीय लेन-देन के लिए 10 रुपये लगते हैं. चालू खाते में बचत खाते की तरह महीने में पांच बार दूसरे एटीएम से मुफ्त निकासी की रियायत नहीं मिलती. बचत खाते में आप मौजूद बैलेंस से ज्यादा निकासी नहीं कर सकते, लेकिन चालू खाते में ऐसा (ओवरड्राफ्ट) कर सकते हैं.
इसके अलावा, चालू खाते में लेन-देन (ट्रांजैक्शन) की संख्या की कोई सीमा नहीं है. लेकिन अगर नकद निकासी 50 हजार रुपये प्रतिदिन से ऊपर जाती है, तो प्रति 1000 रुपये पर एक रुपये के हिसाब से बैंकिंग कैश ट्रांजैक्शन टैक्स देना होगा.
इन बातों का रखें ख्याल
अगर आपने नया-नया कारोबार शुरू किया है और आप चाहते हैं कि बैंक आपको व्यक्तिगत रूप से सहयोग करे, तो किसी अच्छी साख वाले छोटे बैंक में खाता खोलें.
अगर आप का कारोबार इस तरह का है, जिसके लिए बहुत ज्यादा यात्र करनी पड़ती हो और वहां नकद लेन-देन के लिए पैसा निकालना पड़ता हो, तो कोई बड़ा बैंक चुनें, जिसके एटीएम का नेटवर्क राष्ट्रीय स्तर पर हो.
शुरुआत में, आपको चालू खाते के संचालन से जुड़े विभिन्न तरह के शुल्कों का ख्याल रखना चाहिए. ऐसे बैंक चुनें जहां लेन-देन का काम तेजी से हो और साथ ही शुल्क इतना हो जिसे आप आसानी से वहन कर सकें.
क्या है खाता खोलने की प्रक्रिया
अगर आपका एकल स्वामित्व वाला कारोबार है, तो आपको अपनी पहचान और पते का प्रमाण देना होगा और कारोबार से जुड़े दस्तावेज देने होंगे. कारोबार से जुड़े कागजात में मेमोरंडम और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन, कंपनी रजिस्ट्रार या राज्य या केंद्र सरकार के प्राधिकारों द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र शामिल हैं. आपको अपनी फर्म की पहचान स्थापित करने के लिए फर्म के नाम पर पैन या टैन कार्ड लेने के लिए भी आवेदन करना पड़ सकता है.
अगर आपकी साङोदारी फर्म है, तो आपको कंपनी बोर्ड से एक पत्र लेना पड़ सकता है, जो खाता खोलनेवाले व्यक्ति को दस्तखत करने का अधिकार देता हो. इसके अलावा, आपको बैंक के शाखा प्रबंधक के सामने कागजात पर दस्तखत करने होंगे. खाता खोलने के लिए विभिन्न बैंक कुछ कम या ज्यादा कागजात मांग सकते हैं. इसके बारे में पहले ही पता कर लेना चाहिए.
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