नयी दिल्ली : मोबाइल कंपनी माइक्रोमैक्स इंफारमेटिक्स, गुड़गांव के मालिक राजेश अग्रवाल व मनीष तुली को सीबीआइ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों को रंगे हाथ तीस लाख रुपये रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया है. वे एक बैंक्वेट हॉल के निर्माण को नियमित करने के लिए रिश्वत दे रहे थे.
सीबीआइ ने निगम के तीन और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के भी एक अधिकारी भी गिरफ्तार किया है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन जोन के अधीक्षण अभियंता राजेश वाधवा के कहने पर निगम के अधिकारियों ने दोनों उद्योगपतियों को पैसे देने के लिए पीतमपुरा बुलाया. बताया जा रहा है कि छापेमारी में एक कनिष्ठ अभियंता के घर से 40 लाख रुपये बरामद हुए हैं.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सूचना मिली कि वजीरपुर में एक बैंक्वेट हॉल बनाने के मामले में व्यवसायी राजेश अग्रवाल और उनके पार्टनर मनीष तुली की नगर निगम व डीडीए के अभियंताओं के बीच 50 लाख की डील हुई है. इसी सूचना के आधार पर सीबीआई की टीम ने बुधवार को एक साथ 15 ठिकानों पर छापेमारी की. इनमें व्यवसायी राजेश अग्रवाल व पार्टनर मनीष तुली के ठिकाने भी शामिल थे.
सीबीआई अधिकारियों ने नगर निगम के दो कर्मियों और दोनों व्यवसाइयों को गिरफ्तार कर लिया है और रिश्वत की पहली किश्त के रूप में दी जाने वाली 30 लाख रुपए की रकम भी बरामद कर ली है. इस छापेमारी के दौरान नगर निगम के एक कनिष्ठ अभियंता के यहां से 40 लाख रुपए नकद मिले हैं.
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