मुंबई : अगले साल से गैस के दाम बढ़ाकर दोगुने करने के फैसले का बचाव करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि सरकार राष्ट्रीय महत्व के फैसले करते हुए भीरु मानसिकता नहीं अपना सकती. मोइली ने यहां पेट्रोलियम पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा ‘‘राष्ट्रीय महत्व के फैसले करते हुए हमें 2जी, सीबीआई, कैग के भूत से नहीं डरना चाहिये.’’ दूरसंचार स्पेक्ट्रम और कोयला खानों के आवंटन में हुए घोटाले के मद्देनजर नौकरशाही फैसले करने में बहुत सतर्कता बरत रही है और कई मौकों पर कैग, सीवीसी या सीबीआई की ओलोचना के डर से फैसला टालती रही है.
उन्होंने कहा ‘‘नौकरशाही की लगाम दमदार लोगों के हाथ में होनी चाहिए न कि बौनों के हाथ में. हमें नौकरशाही के कारण होने वाली देरी को खत्म कर प्रक्रियाओं में उलझने के बजाय काम होने पर ध्यान देना चाहिए.’’ मोइली ने कहा ‘‘हमारे पास बीपी को छोड़कर एक्जॉन जैसी बड़ी कंपनियां नहीं हैं जो भारत आ रही हैं. कोई नहीं आ रहा. ऐसे हमारी फैसले लेने में संकोच करने की वजह से है. हमें दमखम के साथ फैसले लेने की जरुरत है.’’सरकार ने पिछले महीने के आखिर में अप्रैल 2014 से प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाकर 8.4 डालर प्रति एमएमबीटीयू करने का फैसला किया. फैसले की कड़ी आलोचना हुई. इससे यूरिया और बिजली उत्पादन लागत में भारी वृद्धि की आशंका व्यक्त की गई. इसे मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्टरीज को फायदा पहुंचाने वाले फैसले के तौर पर भी देखा गया.
मोइली ने हालांकि, इस पहल का यह कहते हुए स्वागत किया कि इससे केजी-डी6 के मौजूदा उत्पादन क्षेत्र में कम से कम 3,000 अरब घन फुट या इसके बराबर उत्पादन में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा ‘‘हर चीज की कीमत होती है और आपको कीमत देनी होती है. 3,000 अरब घनफुट से अधिक के गैस भंडार का विकास नहीं किया हो पा रहा है, क्योंकि यह 4.2 डालर प्रति एमएमबीटीयू की दर से व्यावहारिक नहीं है.’’
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