मुंबई :मुंबई की के मेट्रोपालिटिन मजिस्ट्रेट ने चर्चित सेबी-सहारा मामले में सहारा की दो कंपनियों तथा उनके आला अफसरों के खिलाफ दीवानी तथा आपराधिक शिकायतों का संज्ञान लेते उन्हें विभिन्न नियम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में तलब किया है.
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सहारा समूह को अपने बांडधारकों की 24,000 करोड़ रपये से अधिक की राशि के रिफंड करने का आदेश दिया था. इसके बाद बाजार नियामक सेबी ने सहारा इंडिया रीयल इस्टेट कार्प लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कोर्प लिमिटेड (एसएचआईसीएल) और इनके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कपंनी कानून तथा सेबी कानून की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के आरोप में आपराधिक मामले दर्ज कराये थे.
शिकायतों पर विचार करने तथा गवाहों के बयान के बाद मजिस्ट्रेट ने कंपनी कानून तथा सेबी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत सहारा की इन दो कंपनियों तथा इसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ इश्यू प्रोसेस (अदालत में पेशी) के आदेश जारी किए जाने का निर्देश दिया.
इस मामले में आगे इसी महीने सुनवाई होने की उम्मीद है. इस मामले में कंपनी अधिनियम की जो धाराएं जोड़ी गयी हैं वे प्रास्पेक्टस में सूचनाएं प्रस्तुत करने, शेयर या रिण पत्र निर्गम , प्रास्पेक्टस में गलत सूचना देने पर आपराधिक कार्रवाई, व्यक्तियों को निवेश के लिए फर्जी तरीके से जोड़ने पर दंड और गलत बयानी के लिए अर्थदंड से संबंधित है. सेबी ने इन कानूनों की विभिन्न धाराओं के तहत नवंबर 2012 में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट (बांद्रा, मुंबई) की अदालत में शिकायतें दर्ज की थीं.
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