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रोड सेफ्टी नेटवर्क की मांग : सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल हो सड़क सुरक्षा

नयी दिल्ली : सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का राष्ट्रीय मंच रोड सेफ्टी नेटवर्क ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सुरक्षित सड़क परिवहन को सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल करने का अनुरोध किया है. यहां बुधवार को जारी बयान के अनुसार, रोड सेफ्टी नेटवर्क ने सड़क […]

नयी दिल्ली : सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का राष्ट्रीय मंच रोड सेफ्टी नेटवर्क ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सुरक्षित सड़क परिवहन को सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल करने का अनुरोध किया है. यहां बुधवार को जारी बयान के अनुसार, रोड सेफ्टी नेटवर्क ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर सरकार के 100 दिन के एजेंडे में सड़क सुरक्षा को शामिल करने का आग्रह किया है.

गडकरी ने एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में दूसरी बार सड़क मंत्रालय का कार्यभार संभाला है. गठजोड़ में शामिल संगठन कंज्यूमर वॉयस के मुख्य परिचालन अधिकारी आशिम सान्याल का मानना है कि मंत्रालय को विधेयक में सड़क सुरक्षा प्रावधानों को शामिल करने को लेकर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि इससे सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी आयेगी.

बयान के मुताबिक, मंत्रालय देश में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को विभिन्न उपायों के जरिये दुरुस्त करने के लिए प्रयास करता आ रहा है. अगस्त, 2016 में पेश मोटर वाहन संशोधन विधेयक सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय किये गये हैं. इसमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ा जुर्माना, सीट बेल्ट तथा खराब सड़कों के लिए ठेकेदारों को जिम्मेदार ठहराना शमिल हैं.

हालांकि, विधेयक में संशोधन को लेकर दक्षिणी राज्यों के विरोध के कारण यह राज्यसभा में अटक गया. उन राज्यों का कहना है कि संशोधन के बहाने सरकार राज्य परिवहन उपक्रमों को निजीकरण करने की कोशिश कर रही है. मंत्री के आश्वासन के बावजूद राज्य विधेयक को समर्थन देने के लिए तैयार नहीं हुए तथा सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के साथ यह विधेयक खत्म हो गया.

आंकड़ों के अनुसार, देश में तकरीबन हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जबकि 5 लाख जख्मी होते हैं. यह पत्र भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे के सड़क दुर्घटना में मौत के पांच साल पूरे होने के मौके पर लिखा गया है. उपभोक्ता अधिकार के क्षेत्र में काम करने वाला गैर-सरकारी संगठन कट्स के मधुसूदन शर्मा ने कहा कि यह दु:खद है कि भाजपा के घोषणापत्र में सड़क सुरक्षा की कोई बात नहीं है. केवल सड़कों का बड़ा नेटवर्क बनाने की बात कही गयी है.

हमारा मानना है कि देश को जोड़ने के लिए सड़क सुरक्षा जरूरी है, लेकिन उसे यात्रियों के लिए मौत का जाल नहीं बनना चाहिए. इसीलिए हम मंत्री से सुरक्षित सड़क परिवहन प्रणाली बनाने की प्रतिबद्धता सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल करे.

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