नयी दिल्ली : देश में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) एक साल पहले की इसी अवधि के एफडीआई की तुलना में 11 फीसदी घटकर 22.66 अरब डॉलर रहा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की आेर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-सितंबर के महीनों के दौरान भारत में 25.35 अरब डॉलर एफडीआई किया गया.चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सबसे अधिक एफडीआई सेवा क्षेत्र में 4.91 अरब डॉलर रहा.
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इसके अलावा, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर में 2.54 अरब डॉलर, दूरसंचार में 2.17 अरब डॉलर, व्यापार क्षेत्र में 2.14 अरब डॉलर, रसायन में 1.6 अरब डॉलर और वाहन क्षेत्र में 1.59 अरब डॉलर का एफडीआई किया गया. वित्त वर्ष 201-19 के अप्रैल से सितंबर महीने में सबसे अधिक एफडीआई 8.62 अरब डॉलर सिंगापुर से किया गया.
इसके बाद, मॉरीशस से 3.88 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 2.31 अरब डॉलर, जापान से 1.88 अरब डॉलर, अमेरिका से 97 करोड़ डॉलर और ब्रिटेन से 84.5 करोड़ डॉलर का निवेश देश में किया गया. विदेशी पूंजी का निवेश गिरने से देश के भुगतान संतूलन पर दबाव पड़ सकता है और यह रुपये के मूल्य को भी प्रभावित करता है.
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