नयी दिल्ली : भारतीय उद्योग जगत को उम्मीद है कि अगले 12 माह के दौरान देश की अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। पीडब्ल्यूसी-फिक्की के एक सर्वे में कहा गया है कि सरकार ने नीतिगत मोर्चे पर कई पहल की हैं, जिससे अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी. भारतीय कंपनियां अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं. सर्वे में कहा गया है कि मजबूत घरेलू मांग और निर्यात बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने से वृद्धि दर बेहतर रहेगी.
इसे भी पढ़ें : जुलाई-सितंबर महीने की तिमाही में 7.1 फीसदी रही आर्थिक वृद्धि दर
इसमें कहा गया है कि अगले 12 माह के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सात फीसदी की वृद्धि दर का हमारा लक्ष्य हासिल होने योग्य है. विश्वबैंक, एशियाई विकास बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) भी ऐसा ही अनुमान लगा चुके हैं. यह सर्वे मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ), मुख्य वित्त अधिकारियों (सीएफओ), मुख्य परिचालन अधिकारियों (सीओओ) तथा भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के रणनीतिक प्रमुखों से की गयी बातचीत पर आधारित है.
सर्वे जुलाई-अक्टूबर, 2018 के दौरान किया गया. सर्वे के अनुसार, इस भरोसे की वजह सार्वजनिक क्षेत्र आधारित बुनियादी ढांचा विकास, व्यापार और नियामकीय प्रक्रिया का सुगम होना और कई क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को खोलना है. सर्वे में शामिल 76 फीसदी अधिकारियों ने कहा कि वे इस अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को लेकर आशान्वित हैं. पिछले साल यह आंकड़ा 63 प्रतिशत का रहा था.
पीडब्ल्यूसी-फिक्की भारत विनिर्माण मापदंड : निर्यात प्रतिस्पर्धा का निर्माण सर्वे के पांचवें संस्करण में कहा गया है कि ज्यादातर कंपनियों का मानना है कि भारत में अगले 12 माह के दौरान औसतन सात फीसदी की वृद्धि हासिल करने की क्षमता है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.