बेंगलूर:भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के वटवृक्ष और इन्फोसिस टेक्नोलाजीज के संस्थापक प्रमुख नएआर नारायणमूर्ति ने आज कहा कि कंपनी ने बीते दशक में योग्यता व दायित्व के पर ध्यान देना कम कर दिया था जिसके चलते उन्हें कठिन व कडे फैसले करने पर मजबूर होना पडा.
नारायणमूर्ति कंपनी में अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी दिन यहां कंपनी की 33वीं सालाना आम बैठक को संबोधित कर रहे थे. इन्फोसिस देश की दूसरी सबसे बडी आईटी कंपनी है और नारायणमूर्ति यहां इसके शेयरधारकों को कार्यकारी चेयरमैन के रुप में अंतिम बार संबोधित कर रहे थे. वह और उनके बेटे रोहन ने समय से पूरे चार साल पहले आज त्यागपत्र दे दिया. इसकी घोषणा इसी सप्ताह पहले ही की जा चुकी थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने इन्फोसिस के बोर्ड द्वारा लगभग एक साल पहले सौंपे गए काम को पूरा किया है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि नये सीईओ विशाल सिक्का भविष्य की रुपरेखा तय करेंगे और इसमें इन्फोसिस के संस्थापकों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. नारायणमूर्ति ने कहा, निष्पक्षता, पारदर्शिता, योग्यता व जवाबदेही किसी भी उप्रकम के लिए सफलता के लिए महत्वपूर्ण है. पिछले दशक में कंपनी ने किसी तरह योग्यता व जवाबदेही पर कम ध्यान दिया. उन्होंने सिक्का को तकनीक क्षेत्र का स्वप्नदर्शी बताया. सिक्का की नियुक्ति की घोषणा 12 जून को की गई थी और वे आज की बैठक में शामिल नहीं हुए
उल्लेखनीय है कि नारायणमूर्ति ने 1981 में इन्फोसिस की स्थापना छह अभियंताओं के साथ मिलकर की थी. कंपनी के 33 साल के इतिहास में सिक्का इसके पहले बाहरी या गैर संस्थापक सीईओ होंगे.नारायणमूर्ति पिछले साल जून में दुबारा कंपनी में आए थे. अपने बेटे रोहन को लाने के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रौद्योगिकी एवं उच्च गुणवत्ता वाले लोगों का इस्तेमाल करना चाहते थे. नारायणमूर्ति 10 अक्तूबर तक गैर कार्यकारी चेयरमैन के रुप में काम करेंगे जबकि इसके बाद वे चेयरमैन एमिरेट्स होंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि इन्फोसिस प्रौद्योगिकी कंपनी के रुप में काम करती रहेगी. इसके साथ अपने कर्मचारियों को और बेहतर बनाने आदि के लिए कंपनी द्वारा उठाये जा रहे कदमों को भी रेखांकित किया.
कई वरिष्ठ लोगों के छोडकर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, जो छोड गए उनमें से कुछ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, कुछ वरिष्ठों की अपेक्षाएं उंची थी. जिन्हें रखा जाना था उन्हें रखा गया है. बीते एक साल में इन्फोसिस के तत्कालीन सीएफओ वी बालाकृष्णन सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी छोड गए हैं. इन्फोसिस के एक पूर्व अधिकारी मोहनदास पई ने वरिष्ठ प्रबंधकों को और अधिकार देने की जरुरत जताई है. उन्होंने कहा है, वरिष्ठ प्रबंधकों के पास अधिकार नहीं होने के कारण ही कंपनी बीते तीन साल में विफल रही है.
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