नयी दिल्ली:वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कौशल विकास पर जोर देगी ताकि प्रशिक्षित कार्यबल अर्थव्यवस्था के लिये उत्प्ररेक बन सके. वहीं दूसरी तरफ ट्रेड यूनियनों ने रक्षा, रेलवे तथा खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है. वित्त मंत्री की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘कौशल विकास को प्राथमिकता दी जायेगी ताकि ज्यादा-से-ज्यादा प्रशिक्षित कर्मचारी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में योगदान दे सके.’ जेटली ने कहा कि सरकार बजट-पूर्व बैठक के दौरान ट्रेड यूनियनों की 10 सूत्री संयुक्त मांग पर उपयुक्त विचार करेगी.
कौन-कौन थे मौजूद
वित्त राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण तथा वित्त मंत्रलय एवं श्रम एवं रोजगार मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे. भारतीय मजदूर संघ, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस तथा सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) समेत अन्य यूनियनों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद थे.
यूनियनों की मांग
अपने मांग पत्र में ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि रक्षा उत्पादन, दूरसंचार, रेलवे, वित्तीय क्षेत्र, खुदरा व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा मीडिया जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एफडीआइ की अनुमति नहीं होनी चाहिए. सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए जिंस बाजारों में सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. यूनियनों ने 7वें वेतन आयोग के लिये पर्याप्त कोष आवंटित किये जाने, वेतनभोगियों के लिए आयकर छूट सीमा बढ़ाकर लाख लाख किये जाने तथा रोजगार सृजन के लिये बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की भी मांग की है.
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