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जुलाई में शुरू होगी ”कुसुम योजना”, बढ़ेगी किसानों की कमाई और सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता

नयी दिल्ली : देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास में जोर-शोर से जुटी मोदी सरकार अब सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने पर भी अपना ध्यान केंद्रित करती दिखायी दे रही है. मंगलवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मोदी सरकार के चार का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर दावा करते हुए […]

नयी दिल्ली : देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास में जोर-शोर से जुटी मोदी सरकार अब सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने पर भी अपना ध्यान केंद्रित करती दिखायी दे रही है. मंगलवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मोदी सरकार के चार का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर दावा करते हुए कहा कि अगले महीने यानी जुलाई में कुसुम योजना लागू की जायेगी. उनका यह भी दावा है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ने के साथ ही किसानों की आमदनी में भी इजाफा होने की संभावना है.

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बिजली मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को कहा कि किसानों की बेहतरी से जुड़ी सौर ऊर्जा उत्पादन पर आधारित कुसुम योजना इस साल जुलाई तक शुरू कर दी जायेगी. भाजपा सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि कुसुम योजना जुलाई से शुरू की जायेगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने तथा सौर ऊर्जा उत्पादन में मदद मिलेगी.

किसानों की आमदनी बढ़ाने के इरादे से किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (कुसुम योजना) योजना की घोषणा 2018-19 के बजट में की गयी. इसके तहत किसानों को उनकी बंजर जमीन पर सौर परियोजना लगाने तथा अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. इससे करीब 28,250 मेगावाट विकेंद्रित सौर ऊर्जा उत्पादन की उम्मीद है. इस योजना के तहत किसानों को 27.5 लाख सौर पंप उपलब्ध कराये जायेंगे.

साथ ही, 0.5 से 2 मेगावाट क्षमता के कुल 10,000 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाये जायेंगे. इसके अलावा, 50,000 ग्रिड से जुड़ी ट्यूब बेल : लिफ्ट एरिगेशन तथा पेय जल परियोजनाएं स्थापित की जायेंगी. इससे डीजल से चलने वाले सिंचाई से पंपिंग सेट से छुटकारा मिलेगा. सिंह ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमारी क्षमता पिछले चार साल में दोगुनी होकर 70,000 मेगावाट पहुंच गयी है.

इसके अलावा, 40,000 मेगावाट से अधिक क्षमता की परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरण में हैं. सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2013-14 के 2,630 मेगावाट से बढ़कर मार्च 2018 में आठ गुना से अधिक बढ़कर 22,000 मेगावाट पहुंच गयी. इसी अवधि में पवन ऊर्जा क्षमता 21,000 मेगावाट से बढ़कर 34,000 मेगावाट पहुंच गयी है.

सिंह ने कहा कि हम 2022 तक 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता सृजित करने की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन जो प्रवृत्ति है, हम न केवल लक्ष्य पूरा करेंगे, बल्कि कुल क्षमता सृजन कहीं अधिक होगा. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियों के कारण भारत पवन ऊर्जा मामले में जहां चौथे स्थान पर पहुंच गया है. वहीं, सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में छठे स्थान पर है. पूरे अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत दुनिया में पाचवें स्थान पर है.

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