नयी दिल्ली: वित्त मंत्री पी चिदंबरम को इस बात पर क्षोभ है कि संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (संप्रग) सरकार प्रमुख दलों के बीच विभिन्न मुद्दों पर मोटी राजनीतिक सहमति के बावजूद आर्थिक सुधारवाले कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं करा सकी है.
उद्यमी और पूर्व सांसद आरपी गोयनका की स्मृति में आयोजित एक सभा में चिदंबरम ने कहा कि हम विधेयकों को पारित नहीं करा सके हैं. संप्रग सरकार के 10वें साल में मुझे सिर्फ इसी बात का अफसोस है. मिल कर करना होगा काम: उन्होंने कहा कि ह में अधिक वृद्धि हासिल करने के लिए मिल कर काम करना होगा. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा के विचारों में कोई प्रमुख अंतर नहीं रहा है.
हालांकि, कुछ क्षेत्रीय दलों का इन मुद्दों पर अपना विचार हो सकता है. दीर्घ काल से लंबित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में बीमा, पेंशन, कंपनी विधेयक, प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक, वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, खाद्य विधेयक और भूमि अधिग्रहण विधेयक शामिल हैं. चिदंबरम ने कहा कि हमारे पास अब भी 11वां वर्ष हो सकता है या हम मैच का पहला वर्ष शुरू कर सकते हैं. यह कुछ भी हो, पर मुझे लगता है कि हमें अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए मिल कर काम करना चाहिए, यही सबसे महत्वपूर्ण बात है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.