नयी दिल्ली : क्या आप मोबाइल पर इंटरनेट कनेक्शन की गति धीमे होने से परेशान हैं? दूरसंचार नियामक ट्राई जल्दी ही न्यूनतम डाउनलोड स्पीड तय कर सकता है जिसके आधार पर दूरसंचार कंपनियों को वायरलेस डेटा सर्विस देने होंगे.
ट्राई ने ताजा परामर्श पत्र में कहा है, प्राधिकरण (ट्राई) को उपभोक्ताओं से डाउनलोड की धीमी गति को लेकर कई शिकायतें मिल रही है. मामले को देखने के बाद प्राधिकरण यह महसूस करता है कि अब वायरलेस डेटा सर्विस के लिए न्यूनतम डाउनलोड स्पीड की बाध्यता होनी चाहिए. फिलहाल दूरसंचार कंपनियों पर वायरलेस सेवा के लिये कोई न्यूनतम गति की बाध्यता नहीं है.
3जी कंपनियां मोबाइल इंटरनेट स्पीड 7.1 मेगाबिट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) से 21 एमबीपीएस के दायरे में देने का वादा करती है. 7.1 एमबीपीएस स्पीड पर एक एक मोबाइल ग्राहक को पूरी फिल्म डाउनलोड करने में करीब 12 से 14 मिनट का समय लगता है. लेकिन फिल्म के आकार का फाइल डाउनलोड करने में करीब 40 मिनट का समय लगता है. कंपनियों ने ट्राई को जो न्यूनतम स्पीड के बारे में जानकारी दी है, वह 399 केबीपीएस (न्यूनतम ब्राडबैंड स्पीड 512 केबीपीएस) से 2.48 एमबीपीएस है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने पाया है कि एक कंपनी द्वारा जो न्यूनतम स्पीड दी जा रही है, वह ब्राडबैंड कहे जाने लायक नहीं है. नियामक का मानना है कि 3जी और सीडीएमए ईवीडीओ सेवा के लिए न्यूनतम डाउनलोड स्पीड 95 प्रतिशत सफलता दर के साथ एक मेगाबिट प्रति सेकेंड होनी चाहिए.
जीएसएम और सीडीएमए 2जी के मामले में न्यूनतम गति 56 किलोबिट प्रति सेकेंड तथा सीडीएमए हाई स्पीड डेटा के लिये 512 केबीपीएस होनी चाहिए. ट्राई ने इस बारे में लोगों से 5 मई तक राय मांगी हैं. इस बारे में जवाबी प्रतिक्रिया 12 मई तक दी जा सकती है.
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