चेन्नई: कालेधन के खिलाफ चल रहे अभियान में तमिलनाडु स्थित आयकर विभाग ने 246 करोड़ रुपये के बेनामी संपत्ति बैंक में जमा कराने के मामले का पर्दाफाश किया है. बैक में यह बेनामी नकदी एक ही बार में जमा कराया गया है. आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि बेनामी संपत्ति को बैंक में नोटबंदी के दिन 8 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच जमा कराया है. तमिलनाडु के आयकर विभाग को शक है कि यह बेनामी नकदी यहां के एक जाने-माने नेता ने बैंक खाते में जमा कराया है. उसे शक है कि यह पैसा उसी नेता का है. हालांकि, विभाग ने अभी तक उस नेता के नाम पर खुलासा नहीं किया है, जिस पर उसे शक है.
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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, विभाग ने जांच के दौरान यह भी पाया कि तमिलनाडु में कुल 240 करोड़ रुपये के डिपॉजिट का पता नहीं लगाया जा सका है. यह डिपॉजिट 441 खातों में किया गया है, लेकिन खाताधारकों की जानकारी विभाग को नहीं मिल पायी है. नोटबंदी की घोषणा होने के बाद संदिग्ध लेन-देन करने वाले 27,739 बैंक खातों के मालिकों जानकारी हासिल करने के लिए उन्हें नोटिस भेज दिया गया है.
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हमने जांच में पाया कि एक व्यक्ति के खाते में 246 करोड़ रुपये जमा कराये गये हैं. यह पैसे बैंक के शाम को बंद होने के बाद जमा कराये गये थे. यह डिपॉजिट नोटबंदी के दौरान जमा कराये गये पैसों का सबसे बड़ी राशि है.
अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग नोटबंदी के बाद खातों की जांच कर रहा है. संदिग्ध खातों की जांच का यह दूसरा चरण है. एक अधिकारी ने बताया कि यह जांच आरबीआई द्वारा उपलब्ध करायी गयी संदिग्ध जमा की जानकारी के बाद की जा रही है.
उन्होंने बताया कि हमने 27,739 खाताधारकों को नोटिस भेज उनके खाते में जमा रकम का स्रोत बताने को कहा है. हमें 18,220 खाताधारकों की तरफ से जवाब आया है. बाकी बचे खाताधारकों ने कई बार याद दिलाने पर भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है.
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