नयी दिल्ली: जहाजरानी मंत्रालय और जवाहरलाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) ताजा मालवेयर हमले से उसके एक पोर्ट टर्मिनल के कामकाज में आई बाधा को दूर करने के लिए तेजी से प्रयास कर रहे हैं. जहाजरानी मंत्रालय ने बुधवार को रैनसमवेयर के हमले के बाद बयान में कहा कि निजी टर्मिनल आॅपरेटर (एपीएम माइरस्क) ने यह सूचित किया है कि इस अड़चन की वजह वैश्विक स्तर पर उसके समक्ष आयी साइबर हमले की समस्या की वजह से है.
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सरकार की आेर से जारी बयान में कहा गया है कि जहाजरानी मंत्रालय और जेएनपीटी को स्थिति की जानकारी है. उसकी आेर से इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि इससे व्यापार, ट्रांसपोर्टरों तथा सबसे महत्वपूर्ण स्थानीय नागरिकों को कम से कम परेशानी हो. चूंकि इस अड़चन से ट्रैफिक प्रबंधन में परेशानी आ सकती है. ऐसे में जेएनपीटी ने निजी टर्मिनल के कार्गो के लिए अपना पार्किंग का स्थान खोल दिया है. इसके अलावा, कंटेनर फ्रेट स्टेशनों को कार्गो को अपने यार्ड में रोक कर रखने को कहा गया है.
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जहाजरानी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस हमले से ट्रैफिक में आयी बाधा को दूर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं. माइरस्क समूह ने इस बात की पुष्टि की है कि साइबर हमले से उसका परिचालन प्रभावित हुआ है. कंपनी ने ट्वीट किया कि हम इस बात की पुष्ट करते हैं कि मंगलवार, 27 जून को एपी मोलर माइरस्क पेटया साइबर हमले से प्रभावित हुई. इससे कई साइटें ओर चुनिंदा कारोबार इकाइयों पर असर पड़ा. कंपनी ने कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं, जिससे इस हमले के असर को सीमित किया जा सके.
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