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क्षमा शर्मा

वरिष्ठ टिप्पणीकार

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महिलाओं की आजादी और हमारा देश

स्वतंत्रता आंदोलन को एक महिला समर्थक आंदोलन के रूप में याद किया जाना चाहिए. वरना दुनिया के दारोगा अमेरिका में वोट देने के अधिकार के लिए महिलाओं को पूरे 70 साल तक संघर्ष करना पड़ा था.

मासिक धर्म से जुड़ी भ्रामक धारणाएं तोड़ने का समय

बड़ी संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती हैं, बाहर निकलती हैं, नौकरी करती हैं. ग्रामीण स्त्रियां भी घरेलू काम के अतिरिक्त, पशुओं की देखभाल, फसलों की देखभाल आदि करती हैं.

सामाजिक चेतना बढ़ाने की आवश्यकता

इस पर भी गौर करने की जरूरत है कि जिस आदमी ने इस अपराध को अंजाम दिया, उस पर कोई जिम्मेदारी नहीं आन पड़ी. हो सकता है कि उसे सजा मिल जाए, पर इससे लड़की के ऊपर कम आयु में जो बोझ पड़ेगा, वह कम नहीं हो जायेगा.

परिवार के बिन अकेलापन

परिवार दिवस के बारे में कहा जाता है कि इसे 2007 में कामगारों की सुविधा के लिए बनाया गया था कि कम से कम कर्मचारी वर्ग एक विशेष दिन अपने परिवार के साथ बिता सकें

परिवार को बचाने का प्रयास जरूरी

जो आज जवान है, जिम्मेदारी उठाने से मना कर रहा है, कल वह भी बूढ़ा होगा. उसकी जिम्मेदारी भी कोई नहीं उठायेगा. पश्चिम का रहन-सहन हम सीख रहे हैं, बोली-वाणी के पीछे दौड़ रहे हैं

यह रणबीर की नग्नता है, कला नहीं

अगर वाकई दर्शकों पर कुछ असर डालना था, तो किसी फिल्म में ऐसा अभिनय करते, जो हमेशा याद रह जाता. यह क्या हुआ कि कपड़े उतार दिये और अपने को कैसानोवा समझने लगे!