पटना: बीएसएनएल सेवा देने में भले ही पीछे हो, लेकिन केंद्रीय सर्विस टैक्स भुगतान करने में बिहार में नंबर वन है. सर्विस टैक्स के रूप में सर्वाधिक 10 करोड़ रुपये का भुगतान बीएसएनएल करता है.
सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स मुख्यालय,पटना के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दूसरे नंबर पर आइडिया सेल्यूलर फोन है, जो आठ करोड़ रुपये टैक्स देती है. पावर ग्रिड कॉरपोरेशन 2.77 करोड़ रुपये एवं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन चार करोड़ रुपये का भुगतान करती है. इस दायरे को बढ़ाने तथा औद्योगिक एवं व्यावसायिक समूहों को जागरूक करने की दिशा में कार्रवाई हो रही है.
व्यावसायिक समूहों से संपर्क करेगा विभाग : सर्विस टैक्स को लेकर व्यावसायिक समूहों से संपर्क करने की तैयारी सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स ने शुरू कर दी है. कोचिंग, बिल्डर व फर्नीचर निर्माणकर्ता एसोसिएशन, विभिन्न विभागों में टेंडर से समानों की आपूर्ति करने वाले समूह एवं फर्मो को शामिल किया जायेगा. साथ ही बड़े कारोबारी संगठन बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार उद्योग संघ, बिहार खुदरा एवं थोक व्यापारी संघ सहित अन्य संघों से भी संपर्क की तैयारी की जा रही है.
सात साल हो सकती है सजा : केंद्रीय सर्विस टैक्स एक्ट के अनुसार 10 लाख से अधिक का कारोबार करने वाले व्यक्ति या फर्म को सेवा कर का भुगतान करना है. इसके लिए उन्हें 12.36 फीसदी राशि का भुगतान टैक्स के रूप में करना होता है. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ मौजूदा कानून के अनुसार अधिकतम सात साल तक की सजा हो सकती है.