धनबाद/तोपचांची: तोपचांची प्रखंड के उर्दू मध्य विद्यालय, भुईयां चितरो में उजागर हुए लगभग 28 लाख रुपये की गड़बड़ी मामले की जांच होगी. पैसे के गबन से जुड़ी खबर प्रभात खबर में लगातार प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने इस पर संज्ञान लिया. उन्होंने जांच के आदेश देते हुए दो सदस्यीय टीम का गठन किया है. टीम में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) रिंकी गौर एवं कनीय अभियंता उमेश प्रसाद शामिल किये गये हैं. इन्हें शनिवार की शाम तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
क्या है डीएसइ का निर्देश : श्री सिंह ने जांच करने वाले अधिकारियों को स्थल निरीक्षण करने के साथ हर साइट की गहनता से जांच करने को कहा है. विभाग ने जिन सिविल कार्यो के लिए पैसे भेजे थे, उनका भौतिक सत्यापन करने के साथ कार्य के फोटोग्राफ्स, बैंक स्टेटमेंट व पासबुक की कॉपी हासिल करने को कहा गया है.
बीइइओ भी आ सकते हैं लपेटे में : बकौल श्री सिंह, जांच में अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है तो संबंधित सभी दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी. संबंधित बीइइओ पर भी प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. जांच के दायरे में वर्ष 2005-06 से अबतक के सभी सिविल कार्यो को शामिल किया गया है. डीएसइ ने स्कूल के सिविल कार्यो से संबंधित कई कागजात भी मंगवा कर देखे.
छात्रवृत्ति बांटने की भी जांच : डीएसइ श्री सिंह दो साल की छात्रवृत्ति विलंब से बांटने को लेकर भी गरम दिखे. प्रभात खबर में इस आशय की खबर भी छपी थी कि प्रभारी प्रधानाध्यापक ने पैसे निकाल कर अपने पास रख लिये थे और जब ग्रामीणों व अभिभावकों ने हो-हंगामा शुरू किया तो बीते रविवार को राशि वितरित की गयी. जानकार बताते हैं कि छात्रों को दो साल से छात्रवृत्ति नहीं दी गयी थी. आज बीपीओ ने जब डीएसइ को इस बारे में बताया तो वह नाराज हो गये. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इसकी भी जांच होगी कि आखिर इतने दिनों तक किन हालात में राशि का वितरण छात्रों में नहीं किया गया. उन्होंने टीम को आदेश दिया कि प्रत्येक छात्र से इस बारे में पूछताछ की जाये.
स्वीकार चुके हैं गलती : खाते से लाखों की निकासी कर ली और काम नहीं किया, इस आशय की गलती ग्रामीणों के दबाव के बाद प्रभारी प्रधानाध्यापक अब्दुल बाकी व स्कूल अध्यक्ष मो ऐनुल लिखित रूप में स्वीकार कर चुके हैं.