- दूसरा चरण l जमशेदपुर पश्चिमी में पड़े सबसे कम वोट
रांची : झारखंड में दूसरे चरण का मतदान शनिवार को खत्म हो गया है़ चुनाव आयोग द्वारा देर शाम जारी आंकड़े के मुताबिक कुल 65 48 प्रतिशत पड़े, जो पिछली बार की तुलना में करीब ढाई फीसदी कम है. पिछले विधानसभा चुनाव मेें इन सीटों पर 68़ 01 प्रतिशत मत पड़े थे. वहीं लोकसभा चुनाव में भी आंकड़ा 67 प्रतिशत के करीब था़ वोटरों का यह मिजाज चुनावी समीकरण बिगाड़ सकता है़ शहरी इलाके में मतदाता उदासीन रहे़ सबसे कम मतदान जमशेदपुर पश्चिमी (54. 41 प्रतिशत) में हुआ. वहीं हॉट सीट जमशेदपुर पूर्वी में भी 56.03 फीसदी वोट ही पड़े. यहां से मुख्यमंत्री रघुवर दास व उनके मंत्री रहे सरयू राय के बीच मुकाबला है. इस वोटिंग पैटर्न से भाजपा की चिंता बढ़ सकती है़
इस चरण में हुए चुनाव में शहरी वोटरों को गोलबंद कर मतदान केंद्र तक पहुंचाने की भाजपा की रणनीति को धक्का लगा है़ भाजपा ने अलग-अलग विधानसभा में बूथ कमेटी से लेकर कार्यकर्ताओं की टीम बनायी थी. इनका काम था बूथों तक कैडर वोटरों व समर्थकों को ले जाना. हालांकि भाजपा की यह सांगठनिक तैयारी का बहुत प्रभाव नहीं दिखा़
चक्रधरपुर में छह फीसदी कम वोटिंग
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर से भाग्य आजमा रहे है़ं वर्ष 2014 मेें इस सीट पर 71 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस चुनाव में 65.61 प्रतिशत वोटिंग हुई़ मतदान के प्रतिशत में यह गिरावट चुनावी गणित को इधर-उधर कर सकता है़ हालांकि स्पीकर दिनेश उरांव के चुनाव लड़ने से सिसई के हॉट सीट में पिछले चुनाव से मतदान का प्रतिशत बढ़ा है़ 2014 में इस सीट पर 65 प्रतिशत वोट पड़े थे, वहीं इस चुनाव में तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ और आंकड़ा 68 प्रतिशत तक पहुंचा़
जमशेदुपर पूर्वी और पश्चिमी में पड़ते रहे हैं कम वोट : जमशेदपुर, पूर्वी और पश्चिमी में कम वोटिंग का ट्रेंड रहा है़ वर्ष 2009 के चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी में 45़ 14% वोटिंग हुई थी, वहीं जमशेदपुर पश्चिमी में महज 42़ 1% वोट ही पड़े थे. वर्ष 2009 की तुलना में दोनों सीटों पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है़
- भाजपा ने वोटरों को बूथ तक ले जाने की बनायी थी रणनीति, नहीं रहा कारगर
- झामुमो, आजसू सहित दूसरे पार्टियों की रणनीति भी नहीं आयी काम