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RIMS को झारखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी बनायेगी हेमंत सोरेन की सरकार, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताये फायदे

hemant soren govt to turn RIMS into Jharkhand Medical University till last of the year 2020 says health minister banna gupta रांची : झारखंड (Jharkhand) के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा है कि झारखंड में मेडिकल यूनिवर्सिट होगा. यहां से डॉक्टर तैयार होंगे. अब प्रदेश के बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए बाहर नहीं जाना होगा. उन्होंने इसका ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है. मेडिकल डायलॉग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Rajendra Institute Of Medical Sciences) को अपग्रेड करके इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जायेगा. इसका नाम झारखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी (Jharkhand Medical University) होगा.

रांची : झारखंड (Jharkhand) के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा है कि झारखंड में मेडिकल यूनिवर्सिट होगा. यहां से डॉक्टर तैयार होंगे. अब प्रदेश के बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए बाहर नहीं जाना होगा. उन्होंने इसका ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है.

मेडिकल डायलॉग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Rajendra Institute Of Medical Sciences) को अपग्रेड करके इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जायेगा. इसका नाम झारखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी (Jharkhand Medical University) होगा.

बन्ना गुप्ता ने कहा है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है. लेकिन, रिम्स को मेडिकल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने में अभी लंबा वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि सबसे पहले ड्राफ्ट को अलग-अलग विभागों को भेजा जायेगा. इसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जायेगा और तब जाकर सरकार से इसके लिए मंजूरी लेनी होगी.

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श्री गुप्ता ने कहा कि विभाग को उम्मीद है कि वर्ष 2020 के अंत तक इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जायेगा. श्री गुप्ता ने कहा कि इसके साथ ही झारखंड सरकार मेडिकल के क्षेत्र में एक नयी उपलब्धि हासिल कर लेगा. राज्य में चिकित्सा के क्षेत्र में कई रिसर्च शुरू हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना समय की मांग है.

बन्ना गुप्ता ने कहा है कि चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधन का घोर अभाव है. एक बार राज्य में मेडिकल यूनिवर्सिटी की शुरुआत हो जायेगी, तो डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्साकर्मियों की कमी दूर हो जायेगी. अपने ही राज्य में सरकारी अस्पतालों के लिए बड़े पैमाने पर डॉक्टर तैयार हो सकेंगे. साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा.

श्री गुप्ता ने कहा है कि झारखंड के विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए अन्य राज्यों में नहीं जाना होगा. राज्य में ही डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ तैयार होने लगेंगे. इसका लाभ सरकारी अस्पतालों को मिलेगा. उन्होंने कहा है कि इस वक्त झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेज हैं. बोकारो, चाईबासा और कोडरमा में एक-एक मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी चल रही है.

श्री गुप्ता ने कहा कि अभी जितने भी मेडिकल कॉलेज हैं, उनमें आमतौर पर शैक्षणिक असंतुलन बना रहता है. विश्वविद्यालय की स्थापना हो जायेगी, तो इन समस्याओं का समाधान हो जायेगा. ड्राफ्ट में इसका विस्तृत प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा में सुधार करना है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में सरकार मुख्य रूप से रिसर्च पर फोकस करेगी. उन्होंने कहा कि यहां शोधार्थियों को शोध करने के अवसर दिये जायेंगे, ताकि राज्य का यह चिकित्सा विश्वविद्यालय देश के शीर्ष संस्थानों की बराबरी कर सके.

Posted By : Mithilesh Jha

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