Lucknow: भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के तेजी से चल रहे कार्यां के बीच जहां उनकी प्रतिमा बनाने के लिए नेपाल से रवाना हुई शालिग्राम शिलाएं आज गोरखपुर से अयोध्या के लिए रवाना होंगी, वहीं उनके छोटे भाई की बसायी नगरी लखनऊ में लक्ष्मण जी की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. शहर में आने वाले लोगों को दूर से ही इस मूर्ति के दीदार होंगे.
अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के पास भगवान लक्ष्मण की मूर्ति लगाई जाएगी. नोएडा में यह मूर्ति तैयार हो गई है. इस मूर्ति को कानपुर रोड और एयरपोर्ट के बीच स्थित गोल चक्कर पर लगाया जाएगा. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बेस तैयार कर लिया है. नोएडा में तैयार प्रतिमा इसी सप्ताह लखनऊ पहुंच जाएगी. प्रतिमा को बनाने में 50 लाख रुपये खर्च हुए हैं.
पौराणिक मान्यता है त्रेता युग में भगवान श्रीराम जब रावण को हराकर अयोध्या वापस लौटे तो इस पूरे युद्ध के दौरान उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण का पराक्रम देखा था. इसे देखते हुए उन्होंने इस शहर को उपहार में अपने छोटे भाई को दे दिया था. रामायण काल के लोगों ने यह क्षेत्र लक्ष्मण जी को मिल जाने के बाद इसे लक्ष्मणपुर का नाम दे दिया था. कुछ लोग इसे लखनपुर भी कहते थे और कुछ लोग इसे लखनावती भी कहते थे. लखनऊ प्राचीन कौशल राज्य का हिस्सा था. बाद में इसका नाम बदलकर लखनऊ हो गया.
वहीं अब लक्ष्मण जी की इस नगरी में लोग उनकी प्रतिमा को भी देख सकेंगे. जी-20 सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को इस शहर में सबसे पहले इसी प्रतिमा के दर्शन होंगे. प्रतिमा को पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने तैयार किया है. बताया जा रहा है कि 12 फीट ऊंची लक्ष्मण जी की कांस्य से बनी इस प्रतिमा को अंतिम रुप दिया जा चुका है. जी-20 सम्मेलन से पहले ये एयरपोर्ट पर स्थापित कर दी जाएगी.
राजधानी लखनऊ में 13 और 14 फरवरी को जी-20 सम्मेलन की बैठकें आयोजित होने वाली हैं. इस दौरान जी-20 समूह से जुड़े देशों के प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इनके अलावा कई अन्य मेहमान भी शहर में आएंगे. इसलिए शहर में अलग-अलग जगहों पर खास तरह की वॉल पेंटिंग्स और लाइटिंग की जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि लखनऊ के डिवाइडर और सड़कों का भी सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इसी कड़ी में लक्ष्मण जी की मूर्ति भी शहर की पौराणिक पहचान को उजागर करेगी.
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लक्ष्मण जी की प्रतिमा के अलावा लखनऊ के लिए ही कारगिल विक्ट्री मेमोरियल भी बनाया गया है. इसे भी मूर्तिकार राम सुतार ने तैयार किया है. इसमें कारगिल विजय दिवस की शौर्य गाथा होगी. यह मेमोरियल 12 फीट में तैयार किया गया है. इसे भी इसी हफ्ते लखनऊ भेजा जाएगा और यह भी एयरपोर्ट के पास स्थापित होगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक यह मेमोरियल कानपुर रोड शहीद पथ मोड़ के पास लगाया जाएगा.