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राष्ट्र की अस्मिता का महत्व पहचानें नेता

वर्तमान में भारतीय राजनीति व राजनेताओं की दिशा और दशा कैसी हो गयी है, यह नरेंद्र मोदी के वीजा प्रकरण को लेकर जो फर्जीवाड़ा हुआ है, उसी से समझा जा सकता है. एक साथ 50 से अधिक सांसदों ने बिना सोचे-समङो ओबामा प्रशासन को चिट्ठी भेज दी कि मोदी जी को अमेरिकी वीजा न दिया […]

वर्तमान में भारतीय राजनीति व राजनेताओं की दिशा और दशा कैसी हो गयी है, यह नरेंद्र मोदी के वीजा प्रकरण को लेकर जो फर्जीवाड़ा हुआ है, उसी से समझा जा सकता है. एक साथ 50 से अधिक सांसदों ने बिना सोचे-समङो ओबामा प्रशासन को चिट्ठी भेज दी कि मोदी जी को अमेरिकी वीजा न दिया जाये.

इन सांसदों से यह पूछने का कष्ट किया जाये कि क्या उन्होंने अमेरिका को भारत का नीति-नियंता मान लिया है? क्या यहां की संसद व संविधान से उनका विश्वास खत्म हो गया है? क्या अपने निजी स्वार्थ और ईर्ष्या से वशीभूत होकर उन्होंने अपने जमीर के साथ-साथ भारत की आन-बान और शान को भी ताक पर रख दिया? ऐसा करके उन्होंने अमेरिका के समक्ष भारत को बौना बनाने का काम किया है.

इन सांसदों को यह पता होना चाहिए था कि अमेरिका की ओर से मोदी को वीजा न देने की जब पहली बार घोषणा की गयी थी, तो उसका विरोध खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था. क्या हमारे देश के महापुरुषों ने ऐसे ही भारत का सपना देखा था, जहां के नेता ऐसी ओछी राजनीति करेंगे!
रितेश कु दुबे, कतरास

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