देवघर: स्वास्थ्य विभाग व प्राइवेट एजेंसी के विवाद में सदर अस्पताल के मरीज पिस रहे हैं. साफ -सफाई नहीं होने के कारण पूरे अस्पताल में नारकीय स्थिति बनी हुई है. दरुगध से मरीजों व उनके परिजनों का जीना मुहाल हो गया है. सरकार ने सफाई व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए प्राइवेट एजेंसी से एमओयू किया है. उस व्यवस्था को बरकरार रखना कंपनी की जिम्मेदारी है. आउट सोर्सिग किये छह माह भी बीता नहीं कि सफाई कर्मी अपनी मांग व वेतन को लेकर हड़ताल पर चले गये हैं.
इस परिस्थिति से निबटने के लिए विभाग के पास ना कोई वैकल्पिक व्यवस्था है और ना ही प्रशासनिक सहयोग लिया है. इसकी वजह से वार्ड से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक साफ नहीं हो रहा है. नसबंदी कराने आये मरीज को भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. वहीं सदर उपाधीक्षक ने सीएस से मार्ग दर्शन मांगा है लेकिन अभी तक मामला जस का तस है. जब इस संबंध में बुधवार को सीएस कार्यालय में सिविल सजर्न से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुङो कोई बात नहीं करना है.
एमओयू में क्या है
लेबर एक्ट के तहत कंपनी को हर माह के प्रथम सप्ताह में काम कर रहे कर्मियों को पेमेंट करना है. भुगतान नहीं करने पर इसकी सारी जवाबदेही एमओयू किये कंपनी की होगी.
मरीजों का है कहना : गंदगी से रहना मुश्किल हो गया है. इलाज क्या करायेंगे. लगता है कि और बीमार होने वाली नौबत आ गयी है. सफाई का काम बिल्कुल नहीं हो रहा है.
मरीज, सोनामती देवी
स्वास्थ्य विभाग लापरवाह हो गया है. इसे मरीजों के जान की कोई परवाह नहीं है. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
मरीज, केवल यादव
आउट सोर्सिंग से करार रद्द कर देना चाहिए. साथ ही सिविल सजर्न व कंपनी के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए. मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है.
हर्ष वर्धन सिंह मुन्ना, जिलाध्यक्ष, जदयू
कंपनी से करार रद्द कर देना चाहिए. इस मामले में सीएस व कंपनी दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसका सीधा नुकसान मरीज को हो रहा है.
नवल राय, जिलाध्यक्ष, बीजेपी
‘सीएस को पत्रचार के माध्यम से स्थिति से अवगत करा दिया गया है. अभी तक कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
डॉ सुरेश प्रसाद सिन्हा
डीएस, देवघर