पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी ने मंगलवार को फेसबुक पर कहा कि बिहार के विकास के लिए भाजपा ने नीतीश कुमार से मिल कर काम किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में वे अकेले ही जनता से मजदूरी मांगने पहुंच गये.
जब उन्हें मजदूरी नहीं मिली, तो अब लाठी में तेल पिलानेवाले लालू प्रसाद के साथ घूम-घूम कर जबरदस्ती मजदूरी मांग रहे हैं. नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की अल्पमत सरकार को बचाने के लिए जंगलराज के जिम्मेवार लालू प्रसाद की चिरौरी की.
कुरसी की खातिर गिर कर दोस्ती करनेवाले नीतीश कुमार का लालू ने लगातार अपमान किया. लगता है कि लालू प्रसाद एक पूर्व मुख्यमंत्री को अपने सामने बच्च साबित करना चाहते हैं. नीतीश कुमार ने ऐसा अपमानजनक गंठबंधन कर बिहार का विकास चाहनेवालों को गलत संदेश दिया है. आज कोई भी अच्छा आदमी लालू के साथ नहीं चल सकता. लालू और विकास में 36 का रिश्ता है.
भाजपा के बिना राज्य का विकास नहीं हो सकता. पिछले आठ साल तक भाजपा-जदयू ने मिल कर बिहार का विकास किया था, किंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अकेले ही सबका श्रेय लेना शुरू कर दिया. वे खुद 20 वर्षो तक लालू प्रसाद को अराजक, विकास विरोधी और जातिवादी बताते रहे. अब वे उसी लालू प्रसाद को गले लगा रहे हैं. उन्हें बताना चाहिए कि भाजपा से अलग होने के बाद बिहार में विकास क्यों नहीं हो पाया?