दवा घोटाला. जांच में सहयोग नहीं कर रहे िवभाग के अधिकारी व कर्मी
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नहीं मिल रही समुचित संचिका
दवा घोटाला. जांच में सहयोग नहीं कर रहे िवभाग के अधिकारी व कर्मी प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर वर्तमान समय में जांच टीम औषधि भंडार गृह से जब्त दवाओं के क्रय करने और वितरण करने की संचिका को खंगालने में जुटी हुई है. जांच टीम में शामिल अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पर्याप्त संचिका […]
प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर वर्तमान समय में जांच टीम औषधि भंडार गृह से जब्त दवाओं के क्रय करने और वितरण करने की संचिका को खंगालने में जुटी हुई है. जांच टीम में शामिल अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पर्याप्त संचिका उपलब्ध नहीं करवायी जा रही है.
सुपौल : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा अंजाम दिये गये करोड़ों रुपये के दवा घोटाला मामले का खुलासा होने की उम्मीद अब नजर आ रही है. ज्ञात हो कि इस घोटाला के मामले में प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर वर्तमान समय में जांच टीम औषधि भंडार गृह से जब्त दवाओं के क्रय करने और वितरण करने की संचिका को खंगालने में जुटी हुई है.
जांच टीम में शामिल अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पर्याप्त संचिका उपलब्ध नहीं करवायी जा रही है. हालांकि जांच टीम के अधिकारी इस संबंध में कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं.
जांच को प्रभावित करने में जुटे हैं अिधकारी व कर्मी : करोड़ों रुपये के दवा घोटाला मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मी जांच को प्रभावित करने में जुटे हुए हैं. शिकायतकर्ता के लाख अनुरोध के बावजूद सदर अस्पताल परिसर स्थित वर्तमान औषधि भंडार केंद्र में बंद दवाओं की जांच नहीं करवायी जा रही है. जबकि इन कमरों में बंद दवायें घोटाला का खुलासा कर सकती है. जानकार बताते है कि घोटाला से संबंधित दवाओं को इन कमरों में रखा गया है.
वहीं घोटालों को अंजाम देने वाले कर्मी इन एक्सपायर दवाओं को चुपके से छोटी-छोटी खेप में बांट कर नष्ट और अस्पताल परिसर स्थित अन्य कमरों में छुपा रहें हैं. वहीं विगत मंगलवार को सांसद रंजीत रंजन के निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल के ड्रेसिंग रूम से भारी मात्रा में एक्सपायरी दवा मिली थी. इससे यह स्पष्ट था कि घोटाले में शामिल अधिकारी एक्सपायर दवाओं को विभिन्न जगहों पर रख कर बरबाद करने की फिराक में जुटे हुए हैं.
वर्तमान भंडार गृह में मौजूद दवाओं का भौतिक सत्यापन कर जांच करवाया जायेगा. अभी जांच टीम जांच के दूसरे पहलू पर काम कर रही है. इस पूरे प्रकरण कर बिंदुवार जांच करवाया जायेगा. आरोपित कर्मियों के तबादले को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
डॉ शशि भूषण शर्मा, क्षेत्रीय उप निदेशक स्वास्थ्य विभाग कोसी प्रमंडल, सहरसा.
वर्तमान भंडार की नहीं करायी जा रही जांच
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिला स्तर पर दवा क्रय करने के दौरान करोड़ों रुपये के दवा घोटाले को अंजाम दिया था. इस मामले को लेकर राजद नेता समशुल कमर सिद्दीकी ने प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष आवेदन देकर मामले की जांच का अनुरोध किया था. आयुक्त ने मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक सहरसा को सौंपते हुए निष्पक्ष जांच का आदेश दिया था. जांच के प्रथम चरण में जिला औषधि भंडार गृह में बंद दवाओं को जब्त किया गया.
हालांकि सदर अस्पताल परिसर स्थित वर्तमान दवा भंडार केंद्र की जांच अब तक नहीं करवायी गयी है. वहीं वर्तमान समय में भंडार गृह से जब्त दवाओं के क्रय और वितरण से संबंधित संचिकाओं की जांच किया जा रहा है. जांच टीम में सहायक औषधि नियंत्रक वीरेंद्र प्रसाद, वरीय औषधि निरीक्षक नवीन कुमार और खुर्शीद आलम शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक जांच टीम द्वारा वर्ष 2004 से 2016 तक स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध दवाओं एवं दवाओं के वितरण संबंधित संचिका की जांच की जा रही है, लेकिन औषधि भंडार केंद्र के संचिका में वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक खरीद की गयी दवाओं का कोई लेखा-जोखा दर्ज नहीं है. वहीं सिविल सर्जन द्वारा जांच टीम को दवा से संबंधित समुचित विपत्र भी उपलब्ध नहीं करवाया गया है. हालांकि जांच टीम के वरीय अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद ने नोटिस जारी कर सिविल सर्जन को समुचित विपत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
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